शिमला, 17 जून मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (एचपीमिल्कफेड) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की तथा अधिकारियों को कांगड़ा जिले में ढगवार दुग्ध संयंत्र का निर्माण कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अधिकारियों को कुल्लू, नाहन, हमीरपुर और ऊना में दूध संयंत्रों की क्षमता बढ़ाकर 20,000 लीटर प्रति संयंत्र करने के निर्देश दिए। साथ ही दूध उत्पादन सहकारी समितियों के पंजीकरण में तेजी लाने और पंजीकरण प्रक्रिया में किसानों की सहायता करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों की क्षमता निर्माण और दूध उत्पादन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने अधिकारियों को दूध विपणन प्रक्रिया और इसके परिवहन को तर्कसंगत बनाने के भी निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करके ग्रामीण क्षेत्रों और यहां के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “इस संबंध में दूध उत्पादन और प्रसंस्कृत वस्तुओं से जुड़ी गतिविधियां अहम भूमिका निभाएंगी। सरकार विशेष प्राथमिकता दे रही है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सभी हितधारकों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा कि एचपी मिल्कफेड का ट्रेडमार्क “एचआईएम” भारत सरकार द्वारा पंजीकृत किया गया है। “वर्तमान में राज्य में 1,148 ग्रामीण डेयरी सहकारी समितियां हैं, जिनमें 47,905 सदस्य हैं, जिनमें 19,388 महिला सदस्य हैं। इसी प्रकार, राज्य में 11 दूध संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर स्थापित हैं। एचपी मिल्कफेड द्वारा विभिन्न पहलों के परिणामस्वरूप, दूध संग्रह के गुणवत्ता मानकों में सुधार हुआ है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य में दूध से संबंधित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए समितियों का पंजीकरण आवश्यक है और इससे किसानों को भी सशक्त बनाया जा सकेगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड को मजबूत बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया।