केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले भारत के 12 बड़े पोर्ट्स ने दिसंबर में 72.2 मिलियन टन कार्गो हैंडल किया है। यह पिछले साल समान अवधि में रिकॉर्ड किए गए कार्गो से 3.22 प्रतिशत अधिक है।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने कहा कि गुजरात के कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट से सबसे अधिक 13.03 मिलियन टन (एमटी) कार्गो हैंडल किया गया है।
ओडिशा का पारादीप पोर्ट दिसंबर में 12.84 एमटी कार्गो के साथ दूसरे नंबर पर रहा है। दिसंबर में मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट 8.32 एमटी कार्गो के साथ तीसरे नंबर पर था।
इसके अलावा विशाखापट्टनम 6.51 एमटी और एसएमपी कोलकाता 5.44 एमटी के साथ चौथे और पांचवे नंबर पर था।
देश के शीर्ष पांच पोर्ट्स ने कुल कार्गो का 63.94 प्रतिशत हैंडल किया है।
दिसंबर के दौरान प्रमुख पोर्ट्स पर हैंडल किए गए कार्गो में विदेशी शिपमेंट का हिस्सा 55.78 एमटी (77.31 प्रतिशत) था। वहीं, कोस्टल शिपमेंट 16.37 एमटी था, जो कुल कार्गो का 22.69 प्रतिशत था।
देश के बड़े पोर्ट्स पर कंटेनर वॉल्यूम की मात्रा कुल ट्रेड का 25 प्रतिशत थी। यह दिसंबर में सालाना आधार पर 17 प्रतिशत बढ़कर 17.4 एमटी रही है।
इस महीने के दौरान प्रमुख पोर्ट्स पर हैंडल किए जाने वाले सभी सेक्टरों के कोयले की मात्रा में गिरावट आई । इसकी वजह घरेलू उत्पादन में वृद्धि होना है। थर्मल कोयले की मात्रा, जो प्रमुख पोर्ट्स के लिए कुल कार्गो मात्रा का 12 प्रतिशत है, मामूली रूप से घटकर 8.7 एमटी रह गई है।वहीं, कोकिंग कोयले का कार्गो 4 प्रतिशत घटकर 2.9 एमटी रह गया। कोयला (थर्मल/कोकिंग के अलावा) पिछले महीने लगभग आधा घटकर 2.5 एमटी रह गया।
चालू वित्त वर्ष के दौरान दीनदयाल पोर्ट की विदेशी कार्गो मात्रा 12 प्रतिशत बढ़कर 98 एमटी हो गई है और इसने सबसे अधिक कार्गो-हैंडल करने वाले प्रमुख पोर्ट के रूप में अपनी स्थिति फिर से हासिल कर ली है। 2023-24 में पोर्ट का प्रदर्शन कमजोर था।
दूसरी तरफ इस वित्त वर्ष में कोलकाता पोर्ट की कार्गो मात्रा में लगभग 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और यह 44 एमटी रहा है। पोर्ट के विदेशी कार्गो में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट आई है।
आंकड़ों के अनुसार विशाखापत्तनम पोर्ट पर विदेशी कार्गो में 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन पोर्ट पर तटीय कार्गो में वृद्धि हुई है।
Leave feedback about this