मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में बिहार के इमाम अख्तर रजा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है।
ओवैसी के बयान पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें तिल का ताड़ बनाने की आदत है।
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “कुछ मानदंड होते हैं, चाहे वे मंदिर के हों या मस्जिद के, या फिर धर्मशाला या धर्मस्थलों के हों। अगर वहां दूसरे प्रांत से कोई अपरिचित व्यक्ति आकर रहता है और उसकी जवाबदेही कोई स्थानीय व्यक्ति नहीं लेता है तो ऐसे में उसके बारे में जानकारी संबंधित थाने को दी जाती है। हमें किसी भी नागरिक के रहने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जिस भी क्षेत्र में बाहरी व्यक्ति आकर रहता है, उसके बारे में जानकारी संबंधित थाने को देनी होती है। अगर कोई बिना बताए किसी मस्जिद या अन्य जगह पर रहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर दूसरे प्रांत से कोई इमाम आया था, तो उसे पुलिस को या किसी जिम्मेदार नागरिक को सूचना देनी चाहिए थी।
उन्होंने आगे कहा, “ओवैसी जैसे नेताओं को तिल का ताड़ बनाने की आदत है। उनके पास कोई काम नहीं बचा है और इसलिए वे इस बात पर चर्चा करना चाहते हैं कि मौलाना को क्यों पकड़ा गया। मुझे लगता है कि उन्हें मौलाना को इस बात को समझाना चाहिए कि अगर वे कहीं रहते हैं तो उन्हें अपने बारे में जानकारी थानों को देनी होती है ताकि किसी भी तरह उनके साथ कोई अनहोनी न हो।”
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि खंडवा की मस्जिद में बिहार के इमाम की नियुक्ति पर केस दर्ज करना आर्टिकल-19 का उल्लंघन है। मैं खंडवा के एसपी को बताना चाहता हूं कि यह हमारा अधिकार है। अगर कोई मुसलमान है, तो आप इस लिहाज से केस दर्ज नहीं कर सकते हैं।
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