March 17, 2025
National

रांची में आक्रोश रैली के दौरान उपद्रव का केस, हाईकोर्ट ने 18 भाजपा नेताओं पर दर्ज एफआईआर निरस्त की

Case of riot during protest rally in Ranchi, High Court cancels FIR registered against 18 BJP leaders

झारखंड हाईकोर्ट ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, दीपक प्रकाश और धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो सहित भाजपा के 18 नेताओं को बड़ी राहत प्रदान की है। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने पिछले वर्ष अगस्त महीने में रांची में युवा आक्रोश रैली में पुलिस के साथ झड़प और उपद्रव के मामले में इन नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने का आदेश दिया है।

23 अगस्त, 2024 को रांची के मोरहाबादी मैदान में भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से बेरोजगारी, सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में धांधली, रिजल्ट में देर, अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण जैसे सवालों को लेकर रैली आयोजित की गई थी। आरोप है कि रैली के बाद सीएम आवास की ओर बढ़ रहे हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच जमकर संघर्ष हुआ था।

घटना के बाद पुलिस ने झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री अर्जुन मुंडा, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, झारखंड भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी सहित 51 भाजपा नेताओं के खिलाफ नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ रांची के लालपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इन पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए थे।

एफआईआर में कहा गया था कि माइक से बार-बार चेतावनी देने और निषेधाज्ञा लागू होने की घोषणा के बावजूद भाजपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने कानून को हाथ में लिया। ड्यूटी पर तैनात पुलिस पर पथराव किया गया। यह भी कहा गया है कि मंच पर मौजूद नेताओं ने रैली में इकट्ठा भीड़ को हमले के लिए उकसाया। एफआईआर में सात सांसदों बीडी राम, आदित्य साहू, दीपक प्रसाद, प्रदीप वर्मा, विद्युत वरण महतो, मनीष जायसवाल, ढुल्लू महतो, 17 विधायकों विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर सिंह, नीरा यादव, रामचंद्र चंद्रवंशी, अपर्णा सेन गुप्ता, रणधीर सिंह, नीलकंठ सिंह मुंडा, कुशवाहा शशिभूषण मेहता, पुष्पा देवी, समरी लाल, केदार हाजरा, राज सिन्हा, नवीन जायसवाल, नारायण दास, अमित मंडल, आलोक चौरसिया, किशुन कुमार दास के अलावा कई अन्य नेताओं को नामजद अभियुक्त बनाया गया था।

इस एफआईआर के खिलाफ भाजपा के 18 नेताओं ने झारखंड हाईकोर्ट में एक साथ याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इन्हें बड़ी राहत दी।

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