January 19, 2025
National

सीबीआई कोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मैनेजर को पाँच साल की सजा सुनाई

CBI court sentences former Union Bank of India manager to five years in fraud case

नई दिल्ली, 30  दिसंबर । चेन्नई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के एक पूर्व प्रबंधक को बैंक के फंड की हेराफेरी के लिए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बैंक के अधिकारी के. भास्कर राव पर 10.76 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उनकी पत्नी के. शैलजा को भी 37,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

सीबीआई ने 31 जुलाई 2009 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, ”आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007-09 के दौरान चेन्नई में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (सोकार्पेट शाखा) में प्रबंधक के रूप में काम करते हुए और शाखा के ऋण विभाग की देखभाल करते हुए, उन्होंने बैंक के साथ धोखाधड़ी की और बैंक के फंड की हेराफेरी की।”

आरोपी ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अलग-अलग तौर-तरीके अपनाए और अपनी यूजर आईडी और बैंक के अन्य अधिकारियों की यूजर आईडी का उपयोग करके बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में एंट्रियों में हेरफेर किया।

अधिकारी ने कहा, ”आरोपी ने अनधिकृत लेनदेन भी किया, जैसे जमा राशि के बदले जाली लोन बनाकर निष्क्रिय बचत खातों को फिर से सक्रिय करना और अपने तथा अपनी पत्नी के नाम पर शेयरों पर विभिन्न निवेश कंपनियों के साथ पैसा निवेश करना।”

सीबीआई के मुताबिक, बैंक को 4,10,81,000 रुपये का नुकसान हुआ। बैंक ने जहां 3,12,32,000 रुपये की वसूली की, वहीं 98,49,000 रुपये की राशि बकाया थी।

अधिकारी ने आगे कहा कि जांच के बाद, सीबीआई ने 9 अगस्त 2010 को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। ट्रायल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया।

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