January 19, 2025
National

रांची के 25 साल पुराने बिटुमिन घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने तीन इंजीनियरों को सुनाई सजा

CBI court sentences three engineers in Ranchi’s 25-year-old bitumen scam

रांची, 29 जून। रांची के बहुचर्चित बिटुमिन घोटाले के 25 साल पुराने केस में रांची की सीबीआई कोर्ट ने तीन इंजीनियरों को तीन-तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है।

अदालत ने पाया कि इन इंजीनियरों ने फाइलों पर सड़कों का निर्माण और मरम्मत दिखाकर सरकारी राशि का गबन किया।

जिन इंजीनियरों को सजा सुनाई गई है, उनमें जूनियर इंजीनियर विवेकानंद चौधरी, कुमार विजय शंकर (दोनों सेवानिवृत्त) एवं बिनोद कुमार मंडल शामिल हैं। कोर्ट ने इन पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

यह केस झारखंड राज्य बनने के पहले का है। तत्कालीन बिहार सरकार के अंतर्गत आरईओ (रूरल इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन) के रांची वर्क्स डिविजन में वर्ष 1992-93 से लेकर 1997 तक सड़कों की मरम्मत के नाम पर घोटाला सामने आने पर सीबीआई ने छह दिसंबर 1999 को एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू की।

जांच पूरी करते हुए सीबीआई ने पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

चार्जशीट के मुताबिक, आरोपियों ने 12 सड़कों की मरम्मत का कार्य फाइलों पर दिखाया और उसी के अनुसार बिटुमिन की मांग की। बताया गया कि मरम्मत में लगभग 1500 मीट्रिक टन बिटुमिन का इस्तेमाल किया गया, लेकिन स्टॉक रजिस्टर की जांच के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ।

इस गबन को छिपाने के लिए आरोपियों ने एक फर्जी एकाउंट जनवरी 1997 में तैयार किया था। चार्जशीट के बाद मुकदमे में लंबा ट्रायल चला। आरोपियों में दो की मृत्यु ट्रायल के दौरान हो गई। गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने शनिवार को तीन आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

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