रांची, 19 फरवरी । झारखंड के तिलैया स्थित सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से रेसिडेंसियल और बर्थ सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। सीबीआई की जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। एजेंसी ने अपनी जांच रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपी है।
सैनिक स्कूल में नामांकन का घोटाला वर्ष 2018 में सामने आया था। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के तत्कालीन अंडर सेक्रेटरी सूबे सिंह की शिकायत पर 11 दिसंबर 2018 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी। इसमें ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस परीक्षा के प्रश्नपत्र को लीक करने, एडमिशन रजिस्टर में गड़बड़ी करने, एडमिशन प्रोसेस में एसओपी का भी पालन नहीं करने जैसे आरोप लगाए गए थे।
हालांकि, कई सालों तक चली जांच के बाद इस घोटाले के कई आरोपियों को क्लीन चिट दे दी गई थी। लेकिन, इस दौरान फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनाए जाने सहित कई दूसरी गड़बड़ियां पाई गईं।
सीबीआई ने पाया है कि अधिकारियों, छात्रों के अभिभावकों, ग्राम पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड पार्षद की मिलीभगत से फर्जी तरीके से डोमिसाइल और बर्थ सर्टिफिकेट बनाए गए हैं। राज्य से बाहर के छात्रों का भी झारखंड का डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। कई छात्रों का नामांकन गलत प्रमाण पत्र के आधार पर झारखंड कोटे से कर लिया गया। कई छात्रों ने पूर्व के स्कूलों के नाम पर फर्जी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट जमा कराए।
सीबीआई ने ऐसे सारे मामलों के दोषी लोगों पर अविलंब कार्रवाई की अनुशंसा भी अपनी रिपोर्ट में की है। फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर सैनिक स्कूल में नामांकन कराने वालों की लिस्ट भी सीबीआई ने सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे छात्रों के कारण योग्य बच्चे नामांकन से वंचित हो जा रहे हैं।
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