बेंगलुरु, 20 अक्टूबर । कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा कि हालांकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दावा है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में उनके खिलाफ 90 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन आज तक किसी भी जांच अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
उच्च न्यायालय द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले को रद्द करने की उनकी याचिका खारिज किए जाने पर पत्रकारों से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि किसी भी जांच अधिकारी ने किसी भी जानकारी के लिए उनसे संपर्क नहीं किया है। उन्होंने कहा, ”मैं इस मामले पर अपने वकीलों से चर्चा करूंगा।”
कांग्रेस नेता ने कहा, तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने राजनीतिक कारणों से ही यह मामला सीबीआई को सौंपा था। हालांकि, अन्य मामले भी थे, लेकिन केवल उनका मामला ही सीबीआई को सौंपा गया।
शिवकुमार ने कहा, “महाधिवक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा था कि इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को नहीं सौंपा जा सकता है। इसे विधानसभा अध्यक्ष के पास भी नहीं पहुंचाया गया और येदियुरप्पा ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया।”
विपक्षी नेताओं द्वारा उन पर किए जा रहे हमलों के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा कि वह हर किसी की बात का जवाब नहीं दे सकते। कोर्ट और कार्यवाही का सम्मान करना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया को भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
विशेष रूप से, शिवकुमार, जो कांग्रेस के राज्य प्रमुख भी हैं, को झटका देते हुए उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उनके खिलाफ सीबीआई कार्यवाही को रद्द करने की मांग वाली उनकी याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने उनके खिलाफ सीबीआई जांच पर जारी स्थगन आदेश भी हटा दिया।
न्यायमूर्ति के. नटराजन की अध्यक्षता वाली कर्नाटक उच्च न्यायालय की पीठ ने सीबीआई को तीन महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया।
इस घटनाक्रम को शिवकुमार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है जो राज्य में विपक्षी दलों भाजपा और जद (एस) पर आक्रामक रूप से हमला कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने कहा था कि शिवकुमार एक बार फिर तिहाड़ जेल जाएंगे।
शिवकुमार ने जवाब दिया था कि कुमारस्वामी और कतील उन्हें जेल भेजने वाले जज नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि शिवकुमार के परिवार को हर दिन प्रताड़ित किया जा रहा है।
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