कोलकाता, 16 सितंबर । केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के एक्स स्टेशन ऑफिसर अभिजीत मंडल से एक साथ पूछताछ करेगी।
दोनों पर संदेह तब गहराया, जब जांच अधिकारियों को संदीप घोष और अभिजीत मंडल के बीच 9 बार फोन पर बात करने की जानकारी मिली।
रविवार को सीबीआई के वकील ने कोलकाता की एक विशेष अदालत को 9 अगस्त की सुबह दोनों के बीच कई टेलीफोन कॉल के बारे में भी जानकारी दी।
घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया, घोष और मंडल से एक साथ पूछताछ करके जांच अधिकारी अब इन कई फोन कॉल के जरिए दोनों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान का पता लगाने की कोशिश करेंगे।
संदेह की दूसरी सबसे बड़ी वजह यह है कि मंडल अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति थे। उधर, घोष ने लोगों को जानबूझकर बड़ी संख्या में घटनास्थल पर रहने दिया, जिससे मामले से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना प्रबल हो गई।
बता दें कि शनिवार रात को सीबीआई ने मामले से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में मंडल और घोष को गिरफ्तार किया गया था।
संदेह की तीसरी वजह – घोष ने बलात्कार की प्रारंभिक शिकायत दर्ज करने से परहेज क्यों किया और एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के रूप में मंडल ने ऐसा करने पर जोर क्यों नहीं दिया, जबकि पीड़िता के शव से यह साफ जाहिर हो रहा है कि उसके साथ क्रूरता की सारी हदें पार की गई हैं।
रविवार को विशेष अदालत ने घोष और मंडल को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। बलात्कार और हत्या मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है, जहां सीबीआई को जांच पर अपनी दूसरी प्रगति रिपोर्ट पेश करनी है।
शीर्ष अदालत की वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता इंदिरा जयसिंह मंगलवार को होने वाली सुनवाई में पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीजेडीएफ) का प्रतिनिधित्व करेंगी, जो इस मामले में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है।
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