December 28, 2024
National

केंद्र ने यूपी, आंध्र प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 2,044 करोड़ रुपये किए जारी

Center releases Rs 2,044 crore for rural local bodies in UP, Andhra Pradesh

नई दिल्ली, 24 दिसंबर । वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार 2024-25 के लिए उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त जारी की है।

उत्तर प्रदेश में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए अनटाइड ग्रांट के रूप में 1598.80 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ये धनराशि राज्य की सभी पात्र 75 जिला पंचायतों, 826 ब्लॉक पंचायतों और 57,691 ग्राम पंचायतों के लिए है।

वित्त वर्ष 2024-25 के अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त के रूप में 420.9989 करोड़ रुपये की राशि के साथ-साथ वित्त वर्ष 2024-25 के अनटाइड ग्रांट की पहली किस्त की रोकी गई राशि 25.4898 करोड़ रुपये भी आंध्र प्रदेश को जारी कर दी गई है।

यह धनराशि राज्य की 13097 पात्र विधिवत निर्वाचित ग्राम पंचायतों, 650 विधिवत निर्वाचित ब्लॉक पंचायतों और सभी 13 पात्र जिला पंचायतों के लिए है।

केंद्र सरकार, पंचायती राज और जल शक्ति (पेयजल और स्वच्छता विभाग) मंत्रालयों के माध्यम से, ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है।

आवंटित अनुदानों की सिफारिश की जाती है और एक वित्त वर्ष में दो किस्तों में जारी किया जाता है।

संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित 29 विषयों के अंतर्गत पंचायती राज संस्थाओं और ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए अनटाइड ग्रांट का उपयोग किया जाएगा।

टाइड ग्रांट का उपयोग स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है और इसमें घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, और विशेष रूप से मानव मल और मल प्रबंधन शामिल होना चाहिए।

इनका उपयोग पीने के पानी की सप्लाई, रेन वॉटर हारवेस्टिंग और वॉटर रिसाइकलिंग के लिए भी किया जा सकता है।

केंद्र पंद्रहवें वित्त आयोग के ग्रांट को सीधे पंचायती राज संस्थाओं को दे रहा है, जिससे ग्रामीण स्थानीय शासन का परिदृश्य बदल रहा है।

यह रणनीतिक वित्तीय सशक्तीकरण स्थानीय प्रशासन को बेहतर बनाने, जवाबदेही को बढ़ावा देने और गांव स्तर पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करता है।

बयान में कहा गया है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण के अनुरूप यह पहल समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है, साथ ही जमीनी स्तर पर लोकतांत्रिक भागीदारी को भी मजबूत कर रही है।

ये सशक्त स्थानीय संस्थाएं बदलाव के शक्तिशाली इंजन के रूप में उभर रही हैं, जो भारत को विकसित भारत बनने की दिशा में ले जा रही हैं, जहां हर गांव अपने भाग्य को आकार देता है और देश की समृद्धि में योगदान देता है।”

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