January 22, 2025
National

केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, कच्चे जूट की एमएसपी बढ़ाई

Central government gave a big gift to the farmers, increased the MSP of raw jute.

पीएम मोदी के नेतृत्व में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। इस दौरान कई बड़े फैसले लिए गए हैं। केंद्र सरकार ने कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 315 रुपये की बढ़ोतरी की है, 2025-26 के विपणन सत्र के लिए इसे 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि कैबिनेट में आज दो महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। पहला रॉ जूट की एमएसपी को लेकर है। कैबिनेट ने कच्चे जूट के लिए एमएसपी 5,650 रुपये प्रति क्विंटल (विपणन सीजन 2025-26 के लिए) को मंजूरी दे दी है।

पीयूष गोयल ने आगे कहा कि मोदी सरकार सीएसीपी की सिफारिशों के आधार पर लगातार एमएसपी बढ़ा रही है। जब से एमएसपी को 50 फीसदी से ज्यादा तय करने का फैसला लिया गया है, तब से इसका विधिवत पालन किया जा रहा है। इसके आधार पर 2025-26 सीजन के लिए कच्चे जूट के एमएसपी में लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में जूट के कम उत्पादन पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, “उत्पादन का फैसला किसानों के अपने हितों के आधार पर होगा। जूट का उत्पादन कई तरह की स्थितियों पर आधारित है और इसे एक टिकाऊ उत्पाद के रूप में स्वीकृति मिल रही है। हमने किसानों को जूट उत्पादन के लिए लगातार प्रोत्साहित किया है और हम एमएसपी पर खरीद का आश्वासन देते हैं। हालांकि, जूट का उत्पादन और उत्पादन किसानों की अपनी रुचि पर निर्भर करेगा कि उन्हें किस उत्पाद से सबसे अच्छा मूल्य मिलता है।”

इस साल एमएसपी में की गई बढ़ोतरी 2024-25 सीजन से भी ज्यादा है, जिसका उद्देश्य भारत में जूट उत्पादन को बढ़ावा देना है। पिछले साल कच्चे जूट के एमएसपी में 285 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी, जो 2024-25 सीजन के लिए 5,335 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थी।

40 लाख किसान परिवारों की आजीविका प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जूट उद्योग पर निर्भर है। जूट मिलों और जूट के व्यापार में लगभग 4 लाख श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। पिछले साल 1 लाख 70 हजार किसानों से जूट खरीदा गया था। 82% जूट किसान पश्चिम बंगाल से हैं जबकि शेष असम और बिहार में जूट उत्पादन में 9-9% की हिस्सेदारी है।

पीयूष गोयल ने कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का लिया गया। पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में जो ऐतिहासिक लक्ष्य हासिल किए गए हैं, 2021-22 में लगभग 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी एनएचएम से जुड़े हैं।

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