उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने कल 74.417 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की बीत क्षेत्र चरण-2 सिंचाई योजना को मंजूरी दे दी है, जिससे हरोली विधानसभा क्षेत्र के 22 ऊंचाई वाले गांवों में कृषि योग्य भूमि की सिंचाई हो सकेगी।
आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए अग्निहोत्री, जो जल शक्ति विभाग का प्रभार भी संभाल रहे हैं, ने कहा कि केंद्र 90 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान करेगा तथा शेष 10 प्रतिशत राशि राज्य द्वारा वहन की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की सतही लघु सिंचाई योजना के अंतर्गत मंजूरी दी गई है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना के तहत स्वान नदी के पास से निकाले गए पानी को संग्रहित करने के लिए 12 संग्रहण टैंक बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे 1,874 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के अंतर्गत लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरोली खंड के नौ गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के लिए 42 करोड़ रुपये की लागत से बीत क्षेत्र सिंचाई योजना का पहला चरण पहले ही पूरा हो चुका है, तथा 1,122 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के अंतर्गत लाया गया है।
अग्निहोत्री ने कहा कि हरोली में पेयजल और सिंचाई सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है और वर्तमान कांग्रेस शासन के दौरान 66 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जल-पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है, उन्होंने कहा कि हरोली क्षेत्र में छह भूजल पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण पर 12 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि हरोली खंड में मौजूदा पेयजल योजनाओं को बढ़ाने या नई योजनाओं के निर्माण के लिए 105 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरोली में सिंचाई योजनाओं पर 130 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीत क्षेत्र सिंचाई योजना के पहले चरण के कार्यान्वयन के बाद, किसानों ने सब्जियां और अन्य नकदी फसलों की खेती शुरू कर दी है, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत हुई है।
अग्निहोत्री ने कहा कि स्वां नदी पर लोहारली से पंडोगा पुल का कार्य तीव्र गति से चल रहा है तथा 52 करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे हरोली और गगरेट खंडों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि एनएच-503ए पर स्थित घालूवाल गांव में स्वां नदी पर पुल का निर्माण 62 साल पहले हुआ था और तब से यातायात में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि समानांतर पुल का प्रस्ताव किया गया है और यह मामला अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में उच्चतम स्तर पर लंबित है।