शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने आज अपनी कार्यकारिणी की बैठक में मृत्युदंड की सजा भुगत रहे भाई बलवंत सिंह राजोआना तथा अन्य बंदी सिंहों (सिख कैदियों) के मामलों में प्रस्ताव पारित कर भारत सरकार से तीखे सवाल उठाए तथा पूरे मामले की रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजने का भी निर्णय लिया।
एसजीपीसी कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि भारत सरकार जानबूझकर सिखों पर अत्याचार व अन्याय कर रही है।
इसका एक बड़ा उदाहरण सिख कैदियों की रिहाई के मामले में अपनाया गया भेदभाव है।उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी की बैठक में इस मामले पर गंभीरता से चर्चा की गई तथा सहमति बनी कि इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजी जाए ताकि जत्थेदार समुदाय की भावनाओं के अनुरूप नेतृत्व प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि हालांकि एसजीपीसी लंबे समय से सिख कैदियों की रिहाई के लिए आवाज उठा रही है तथा इस मामले को सभी स्तरों पर उठा रही है, लेकिन दुखद पहलू यह है कि भाई राजोआना तथा अन्य सिख कैदियों के मामलों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए अकाल तख्त साहिब द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी को पैनल द्वारा लगातार किए गए प्रयासों के बावजूद सरकार द्वारा कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री को मुलाकात के लिए भेजे गए पत्र के जवाब में उनके कार्यालय ने एसजीपीसी को गृह मंत्री के कार्यालय से संपर्क करने को कहा। गृह मंत्रालय से पत्राचार के बाद इस साल फरवरी की शुरुआत में पांच सदस्यीय पैनल को बैठक का कार्यक्रम दिया गया
हालांकि, यह बैठक तय समय से एक दिन पहले ही रद्द कर दी गई और एसजीपीसी को बुक की गई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इसके बाद भी गृह मंत्री से मुलाकात के लिए लगातार प्रयास करने पर कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह नकारात्मक रवैया ठीक नहीं है।
एसजीपीसी कार्यकारिणी इस रवैये की कड़ी निंदा करती है और अब भारत के राष्ट्रपति को एक अंतिम प्रतिनिधित्व भेजने का फैसला किया गया है, जिसमें 2012 में भाई राजोआना के मामले में दायर याचिका पर फैसला लेने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी कार्यकारिणी ने सिख कैदियों को दिए जाने वाले 20,000 रुपये मासिक मानदेय को बढ़ाकर 40,000 रुपये प्रति माह कर दिया है।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तदर्थ समिति के सदस्यों को मनमाने ढंग से पुनः मनोनीत करने के लिए हरियाणा सरकार की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि एसजीपीसी द्वारा पहले जताई गई यह आशंका सच साबित हो रही है कि हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन सरकार अपने तरीके से करेगी। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी को विभाजित करके बनाई गई हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी एक पंथिक संस्था न होकर एक सरकारी कमेटी बन गई है।
समुदाय को इसका कड़ा विरोध करना चाहिए ताकि हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन पंथक भावनाओं के अनुरूप हो सके।
एसजीपीसी कार्यकारिणी के अन्य फैसलों के बारे में हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि पिछले दिनों श्रद्धालु सेवादार बलबीर सिंह लंगर श्री गुरु रामदास जी में उबलते पानी की कढ़ाई में गिरकर झुलस गए थे और उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में शोक प्रस्ताव पारित करने के अलावा उनके परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता और एक पारिवारिक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, फिरोजपुर के गुरुद्वारा जामनी साहिब में गैस रिसाव की घटना के बाद तलविंदर सिंह के जलने के बाद उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी, इसलिए उनके परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का निर्णय लिया गया।
फिरोजपुर गुरुद्वारा गैस रिसाव की घटना में घायल हुए लोगों को 75-75 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि कार्यकारिणी ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सबत सूरत (सिख पहचान बनाए रखने के लिए बिना बाल के) सिख खिलाड़ी होने के कारण जरमनप्रीत सिंह को पांच लाख रुपये का सम्मान देने का भी निर्णय लिया है।
इसके अलावा एसजीपीसी कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का फैसला किया गया।उन्होंने कहा कि इस साल सितंबर में एसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा की 100वीं जयंती पर धार्मिक समागम का आयोजन किया जाएगा।
एसजीपीसी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि तरनतारन साहिब में गुरुद्वारा चोहला साहिब से संबंधित गुरुद्वारा कोठरी साहिब के निकट श्री गुरु अर्जन देव के इतिहास से जुड़ी प्राचीन ऐतिहासिक इमारत को संरक्षित किया जाएगा और इस कार्य के लिए विरासत विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी।
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