केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस आरोप को खारिज कर दिया कि केंद्र राज्य की राशन सूची से 55 लाख नाम हटा रहा है। उन्होंने इस दावे को “झूठा और भ्रामक” बताया।
एक्स पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में जोशी ने स्पष्ट किया कि राशन लाभार्थियों के लिए अनिवार्य ई-केवाईसी प्रक्रिया केंद्र सरकार द्वारा शुरू नहीं की गई थी, बल्कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित की गई थी।
जोशी ने कहा, “केंद्र ने सभी राज्यों को अनुपालन के लिए केवल परिपत्र जारी किए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “पंजाब को यह कार्य पूरा करने के लिए तीन बार समय विस्तार दिया गया, फिर भी वह समय पर कार्रवाई करने में विफल रहा।”
जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत पंजाब में 1.41 करोड़ लाभार्थी हैं और केंद्र ने इस अनुमोदित सूची से “एक भी लाभार्थी को नहीं हटाया है”। उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल अंतिम समय सीमा थी, लेकिन उस तिथि तक पंजाब में केवल 90 प्रतिशत ई-केवाईसी ही पूरी हो पाई थी।
उन्होंने कहा “यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने समावेशन और बहिष्करण मानदंडों के आधार पर पात्र लाभार्थियों की पहचान करे।”
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