धर्मशाला, 31 मार्च सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश (सीयूएचपी) के चांसलर हरमोहिंदर सिंह बेदी की आत्मकथा को विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह बात सीयूएचपी के वीसी सत प्रकाश बंसल ने सीयूएचपी के पंजाबी और डोगरी विभाग द्वारा हरमोहिंदर सिंह बेदी की आत्मकथा लेख आवे भाग पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में कही।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति ने की जबकि बेदी मुख्य अतिथि थीं। चांसलर की पत्नी डॉ. गुरनाम कौर बेदी विशिष्ट अतिथि थीं।
गुरु नानक अध्ययन केंद्र, पंजाब विश्वविद्यालय (चंडीगढ़) के अध्यक्ष गुरपाल सिंह संधू; पंजाबी विश्वविद्यालय (पटियाला) की सहायक प्रोफेसर (हिंदी), नीतू कौशल और पंजाबी कवि दविंदर सैफी इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता थे।
सीयूएचपी रजिस्ट्रार सुमन शर्मा और डीन (अकादमिक) प्रदीप कुमार ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत ज्योति प्रज्वलन और मंगलाचरण के साथ हुई। नरेश कुमार ने सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों का स्वागत किया तथा सैफी ने आत्मकथा पर अपना शोध पत्र पढ़ा।
सैफी ने कहा, हरमिंदर सिंह बेदी का जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। संधू ने कहा कि आत्मकथा में पंजाब और हिमाचल प्रदेश की भावनात्मक सच्चाई के बारे में बात की गई है, उन्होंने कहा कि हरमिंदर सिंह बेदी की जीवन यात्रा बहुत अद्भुत रही है।