चंडीगढ़, 12 मई
वन एवं वन्य जीव विभाग ने 10 मई से वन्य जीव अभ्यारण्य के अंदर और बाहर विभिन्न वन्यजीव प्रजातियों की आबादी के रुझान पर नजर रखने के लिए वन्य जीव सर्वेक्षण करना शुरू कर दिया है। सर्वेक्षण के 13 मई तक जारी रहने की उम्मीद है और इससे वन्यजीव प्रबंधन के लिए आवश्यक विभिन्न प्रबंधन हस्तक्षेपों को निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
विभाग ने ट्रान्सेक्ट और पॉइंट काउंट विधियों का उपयोग करके सर्वेक्षण करने के लिए विभिन्न समूहों का गठन किया है। इन विधियों में व्यवस्थित रूप से अध्ययन क्षेत्र को कवर करना और व्यक्तियों की संख्या या किसी विशेष प्रजाति के संकेतों की गणना करना शामिल है।
पिछला वन्यजीव सर्वेक्षण मई 2021 में आयोजित किया गया था और वर्तमान सर्वेक्षण से विभाग को पिछले दो वर्षों में वन्यजीव आबादी में बदलाव को समझने में मदद मिलेगी।
सर्वेक्षण के दौरान किए गए क्षेत्र अवलोकनों के आधार पर यह पाया गया है कि वन्यजीव अभ्यारण्यों के बाहर भी अच्छी संख्या में सांभर और नीलगाय मौजूद हैं।
विभाग का उद्देश्य क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए प्रभावी संरक्षण रणनीतियों और प्रबंधन योजनाओं को विकसित करने के लिए सर्वेक्षण के निष्कर्षों का उपयोग करना है। वन्यजीव आबादी की नियमित रूप से निगरानी करना आवश्यक है क्योंकि वे पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विभाग ने सर्वेक्षण की सफलता सुनिश्चित करने में स्थानीय समुदायों, शोधकर्ताओं और वन्यजीव उत्साही सहित सभी संबंधित हितधारकों के सहयोग का अनुरोध किया। वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सर्वेक्षण से एकत्र किए गए डेटा को जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।