N1Live Chandigarh चंडीगढ़ समाचार:हरियाणा के गंभीर बच्चों का इलाज करना सिखाएगा संविधान, सरकार ने किया अनुबंध
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चंडीगढ़ समाचार:हरियाणा के गंभीर बच्चों का इलाज करना सिखाएगा संविधान, सरकार ने किया अनुबंध

Chandigarh News: Constitution will teach how to treat seriously ill children of Haryana, government signs contract

25 अक्टूबर  पीजीआई एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण बंसल ने बताया कि इस समझौते के तहत हरियाणा के डॉक्टरों को बच्चों के आईसीयू को हैंडल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। चयनित डॉक्टर के एक-एक बैच को एक-एक महीने प्रशिक्षण दिया जाएगा।चंडीगढ़ पीजीआई के बाल रोग विशेषज्ञ अब हरियाणा के डॉक्टर को गंभीर बच्चों का इलाज करना सिखाएंगे। इसके लिए हरियाणा सरकार और पीजीआई के बीच अनुबंध हुआ है। इसके अनुसार अगले पांच वर्षों तक पीजीआई के विशेषज्ञ हरियाणा के एमडी-एमएस के साथ एमबीबीएस डॉक्टर को पीडियाट्रिक आईसीयू से जुड़ी इलाज की बारीकियां बताएंगे। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में नवजात बच्चों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के साथ पीजीआई पर रेफर

पीजीआई एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर के उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण बंसल ने बताया कि इस समझौते के तहत हरियाणा के डॉक्टरों को बच्चों के आईसीयू को हैंडल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। चयनित डॉक्टर के एक-एक बैच को एक-एक महीने प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान समय-समय पर हरियाणा के अस्पतालों के पीडियाट्रिक आईसीयू का निरीक्षण कर उसकी कमियों को भी चिह्नित किया जाएगा ताकि वहां इलाज की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने में मदद की जा सके।

टेली पीडियाट्रिक की भी लेंगे मदद

इस योजना के तहत डॉक्टर को प्रशिक्षित करने के साथ आईसीयू में गंभीर बच्चों के इलाज के दौरान आने वाली परेशानी को दूर करने के लिए टेली पीडियाट्रिक की भी मदद ली जाएगी ताकि बच्चों के इलाज के दौरान किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न हो सके और न ही रेफर जैसी स्थिति बने।

30 प्रतिशत रेफर मामले

डॉ. अरुण बंसल ने बताया कि पीडियाट्रिक सेंटर में आने वाले मरीजों में लगभग 30 प्रतिशत बच्चे हरियाणा के शामिल हैं। पीजीआई ने इस प्रस्ताव के माध्यम से रेफर के दबाव को कम करने की योजना बनाई है। डॉ. अरुण बंसल ने बताया कि इसी तरह की योजना शुरू करने के लिए पंजाब सरकार को भी प्रस्ताव दिया गया है क्योंकि पीजीआई में इन दोनों प्रदेशों से रेफर मरीजों की संख्या अन्य प्रदेशों की तुलना में ज्यादा है।

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