पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने आज कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने की उम्मीद तो सभी को थी, लेकिन पार्टी की हार के कारणों की अब आलाकमान समीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा, “हार से कार्यकर्ता निराश जरूर हैं, लेकिन वे हताश नहीं हैं। पार्टी चिंता करने की बजाय इस मामले पर गहन चिंतन कर रही है।”
मीडिया से बात करते हुए शैलजा ने संगठन के महत्व पर जोर दिया, जो पिछले 10-12 सालों से पूरी तरह से सक्रिय नहीं था। उन्होंने कहा कि पार्टी की तथ्य-खोजी समिति हार के कारणों का पता लगाने के लिए कार्यकर्ताओं से संपर्क करेगी। उन्होंने कहा, “समिति की रिपोर्ट के बाद ही आलाकमान कोई फैसला लेगा।”
शैलजा ने बताया कि हालांकि किसी को हार का अनुमान नहीं था, लेकिन पार्टी कोई भी निष्कर्ष निकालने से पहले सभी से फीडबैक ले रही है। हार में ईवीएम की संभावित भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं और उनके जवाब का इंतजार कर रही है।
राज्य संगठन में संभावित बदलावों के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती क्योंकि यह आलाकमान के अधिकार क्षेत्र में आता है।” शैलजा ने उन दावों पर भी टिप्पणी की कि आंतरिक संघर्ष के कारण हार हुई, उन्होंने राहुल गांधी के गुस्से की खबरों को खारिज करते हुए कहा, “इस मामले पर उनकी ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।”
उन्होंने संगठनात्मक ढांचे के महत्व को दोहराया, खास तौर पर राज्य और ब्लॉक स्तर पर, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं को उनकी पहचान और पहचान मिलती है। शैलजा ने कहा, “राज्य और ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस में कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं था, और संगठन के माध्यम से ही पार्टी काम करती है और कार्यकर्ताओं को पहचान मिलती है। हालांकि कार्यकर्ता हार से निराश हैं, लेकिन वे नई ऊर्जा के साथ काम करना जारी रखेंगे।”