संभल, 22 फरवरी । उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें आरोपियों के खिलाफ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर जानलेवा हमले के आरोप लगाए गए हैं।
संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल 12 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसमें से सात मामले संभल कोतवाली, चार मामले नखासा थाने और एक जीरो एफआईआर मुरादाबाद में दर्ज की गई है। छह मामलों में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी है। सबसे पहले लिखी गई दो एफआईआर में उपनिरीक्षक शाह फैसल की पर्सनल बुलेट और सरकारी गाड़ियों को आग लगाने का प्रयास किया गया। सरकारी गाड़ी जल गई, जबकि उपनिरीक्षक की पर्सनल गाड़ी को जलने से बचा लिया गया। सीसीटीवी के आधार पर इस मामले में 23 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।
उन्होंने कहा कि दूसरे मामले में एक अपराधी ने फायरिंग की थी, जिसमें 25 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। इस मामले में बैलिस्टिक रिपोर्ट आनी बाकी है। रिपोर्ट आने के बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की जाएगी।
इसके अलावा एक और मामले में 21 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया था। नामजद अभियुक्त समेत 53 लोगों के खिलाफ इसमें चार्जशीट दायर की गई है।
चौथे मामले में एसडीएम पथराव के दौरान घायल हुए थे। उसमें 37 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है।
साथ ही कोतवाली क्षेत्र के एक मामले में सीओ को पैर में गोली लगी थी। इस केस में 38 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है।
इसके अलावा, जामा मस्जिद के पास हथियारों को लूटने के मामले में 39 लोगों को जेल भेजा गया है।
एसपी कृष्ण बिश्नोई ने बताया कि छह मुकदमों में शुरुआत से 36 लोग नामजद थे। इसके बाद 123 लोगों के नाम प्रकाश में आए थे। कुल मिलाकर 159 लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से 80 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। साथ ही 79 लोगों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। पुलिस ने जगह-जगह पोस्टर भी लगाए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
संभल एसपी ने कहा कि इससे पहले घटनास्थल से पाकिस्तान और अमेरिका में निर्मित अवैध असलहा और कारतूस भी बरामद किए गए थे। पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच कर रही है और जो लोग संदिग्ध नहीं हैं, उन्हें बरी भी किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई के तहत प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की हिंसा या कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।