November 25, 2024
National

छठ पर्व : ‘नहाए-खाए’ के दिन घाटों पर भीड़, तो कहीं वेदी बनाने में दिखा वीवीआईपी कल्चर

पटना, 5 नवंबर ‘नहाए-खाए’ के साथ मंगलवार को छठ पूजा की शुरुआत हो गई है। उत्तर भारत में आस्था के महापर्व छठ पूजा को लेकर खास तैयारी देखने को मिल रही है। बिहार की राजधानी पटना और उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी में भी इस पर्व को लेकर काफी रौनक देखने को मिल रही है।

‘नहाए-खाए’ के साथ 4 दिवसीय छठ पूजा की शुरुआत हो गई है। इस दिन श्रद्धालु अपने घरों की सफाई करने के बाद घाटों पर जाते हैं, वहां पर स्नान करके गंगा मां की पूजा करते हैं। नहाए खाए को लेकर बिहार की राजधानी पटना के कई घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी संख्या देखने को मिली।

घाट पर स्नान करने आईं एक श्रद्धालु शिल्पी सोनी ने आईएएनएस को बताया कि वह दीदी के यहां छठ पूजा करने आई हैं। आज ‘नहाए-खाए’ के दिन गंगा स्नान करके प्रसाद बनता है। कद्दू का दाल और अरवा चावल बनता है। छठ को लेकर आज घाट पर बहुत भीड़ है, कल खरना होगा, परसो और ज्यादा भीड़ होगी, क्योंकि उस दिन पहला अर्घ्य होगा। छठ को लेकर बहुत तैयारी की गई है। प्रशासन द्वारा घाटों की साफ-सफाई की गई है, जो बहुत अच्छी बात है।

एक अन्य श्रद्धालु सुप्रिया सोनी ने आईएएनएस को बताया कि वह पहली बार छठ कर रही हैं और बहुत खुशी है। ‘नहाए-खाए’ के दिन गंगा स्नान करके घर पर प्रसाद बनाते हैं। प्रसाद को खुद ग्रहण करते हैं और लोगों को बांटते हैं। उन्होंने कहा कि छठ को अब बाहर भी मनाया जाता है, लेकिन खासकर बिहारी लोगों के लिए यह गर्व का पल होता है।

इसके अलावा, वाराणसी के घाटों और पवित्र जलाशयों में वेदी बनाने का काम हो रहा है। वहीं, कई जगहों पर वीवीआईपी कल्चर देखने के लिए मिल रहा है, जहां पर लोग वेदी बनाते समय यूपी पुलिस, यूपी सरकार आदि चीजों को लिख रहे हैं।

छठ पूजा को लेकर वेदी बना रहे एक श्रद्धालु अश्विनी सिंह ने आईएएनएस को बताया कि वेदी बनाकर हम लोग चले जाएंगे। यहां पर नाम लिख देंगे, जिससे की पूजा वाले दिन कोई परेशानी नहीं हो। उन्होंने पूजा में वीवीआईपी कल्चर का विरोध करते हुए कहा कि लोग अपना साधारण नाम भी लिख सकते हैं।

एक अन्य श्रद्धालु अनुराग ने बताया कि अपना नाम लिखकर हम लोग अपना स्थान पक्का कर लेते हैं कि हमको यहां पर पूजा करना है। वेदी बनाते समय वीवीआईपी कल्चर पर उन्होंने कहा कि ये वाराणसी में ज्यादा देखने को मिलता है। छठ वाले दिन भीड़ होने की वजह से उनकी भी जगह घिर जाती है। उन्होंने आगे कहा कि वीवीआईपी कल्चर से यहां पर कुछ होता नहीं, बनारस में सभी लोग वीआईपी हैं।

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