छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नारायणपुर के अबूझमाड़ वन क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कोबरा बटालियन के जवान सोलंकी मेहुल भाई को श्रद्धांजलि दी।
दोनों नेताओं ने 21 मई को शहीद हुए सोलंकी के पार्थिव शरीर को कंधा देकर उनकी वीरता और बलिदान को नमन किया। यह मुठभेड़ बीजापुर के उसूर क्षेत्र में माओवाद विरोधी अभियान के दौरान हुई थी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “22 मई को बीजापुर में गुजरात के निवासी सोलंकी मेहुल भाई ने माओवादियों के खिलाफ मुकाबले में अदम्य साहस का परिचय देते हुए वीरगति प्राप्त की। हम उनकी शहादत को नमन करते हैं। भगवान से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। मेहुल सोलंकी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। आने वाले दिनों में बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापित होगी।”
उन्होंने आगे कहा कि पिछले डेढ़ साल से सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं और लगातार अभियानों में सफलता हासिल कर रहे हैं। 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को समाप्त करने का संकल्प पूरा होगा।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी शहीद सोलंकी मेहुल भाई को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी वीरता और बलिदान छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए प्रेरणा है। हमारे जवान नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। यह बलिदान हमें और मजबूती से इस चुनौती का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के तुमरेल गांव के जंगल क्षेत्र में गुरुवार को माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन के एक कमांडो शहीद हो गए थे, जबकि एक माओवादी मारा गया। इस मुठभेड़ में दो अन्य कोबरा कमांडो भी घायल हुए हैं। मुठभेड़ उस समय शुरू हुई, जब माओवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने अभियान शुरू किया था।
यह मुठभेड़ एक दिन पहले नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर हुई बड़ी कार्रवाई के बाद हुई, जिसमें 27 माओवादी मारे गए थे, जिनमें सीपीआई (माओवादी) का महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल था।
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