January 29, 2025
National

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ईवीएम में जताई ‘खराबी’ की आशंका, चुनाव आयोग से की हस्तक्षेप की मांग

Chhattisgarh Congress expressed fear of ‘malfunction’ in EVM, demanded intervention from Election Commission

रायपुर, 27 मई । लोकसभा चुनाव 2024 के छह चरणों के मतदान संपन्न होने के बाद अब कांग्रेस ने ईवीएम में खराबी का मुद्दा उठाकर जहां बीजेपी पर परोक्ष रूप से हमला किया है, वहीं चुनाव आयोग से इस मामले में यथाशीघ्र हस्तक्षेप की भी मांग की है।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सोमवार को इस संबंध में एक प्रेस कांफ्रेंस किया।

उन्होंने कहा, “विधानसभा से लेकर लोकसभा चुनाव तक ईवीएम में खराबी देखने को मिल रही है। यह हम नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता तक कह रहे हैं। हम ईवीएम में खराबी की आशंका व्यक्त करते हैं, तो आप कहते हैं कि यह राजनीति है, लेकिन जब इस पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अपनी बात रखने लग जाएं, तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल हुई है।“

उन्होंने आगे कहा, “मतदान के 10-12 दिन बाद जिस तरह से वोटिंग प्रतिशत बढ़ रहा है, वो कहीं ना कहीं सभी राजनीतिक दलों के लिए चिंता का विषय है। मत प्रतिशत के आंकड़े 24 घंटे के दरमियान जारी किए जाने चाहिए। लेकिन इसे 10-12 दिनों में जारी किया जा रहा है, तो यकीनन इस पर सवाल उठेंगे ही। इस पर चुनाव आयोग को यथाशीघ्र हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके।“

दीपक बैज ने कहा, “बीते दिनों चुनाव आयोग इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पास गया था और कहा था कि मशीन लाकर दिखाए, लेकिन अफसोस कोई कदम नहीं उठाया गया। अब ऐसे में आशंका तो गहराएगी ही। चुनाव आयोग को इस आशंका को दूर करना चाहिए। यह लोकतंत्र है, मगर इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा नहीं किया जा रहा है, जो कि निंदनीय है। पूरे मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिससे कहीं ना कहीं आशंका तो गहराती ही है।“

हालांकि, यह कोई पहली दफा नहीं है कि जब कांग्रेस या किसी अन्य विपक्षी दल ने चुनाव के बीच ईवीएम में खराबी की आशंका जताई है। इससे पहले भी कई राजनीतिक दल इस तरह की आशंका जताकर बीजेपी को आड़े हाथों ले चुके हैं। लेकिन बीजेपी का दो टूक कहना है कि जब कहीं कांग्रेस जीत जाती है, तो वहां ईवीएम ठीक रहता है और जहां हार जाती है, वहां सारा दोष ईवीएम पर मढ देती है। अब लोकसभा चुनाव के बीच भी इसे लेकर सियासी वार तेज हो चुका है।

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