छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने विपक्ष पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के लिए 16-16 घंटे का समय तय किया गया है। लेकिन, विपक्ष चर्चा से बच रहा है। मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि अब भागें नहीं, रुककर चर्चा करें।
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विजय शर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच जरूरी है। उन्होंने कहा, “यह जांच का विषय है। हमें लगता है कि आतंकी आमतौर पर सीमा पार से ही आते हैं। लेकिन, इस खास मामले में पूरी जानकारी और तथ्यों की जांच जरूरी है।”
दरअसल, चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि क्या हमले में शामिल आतंकी वाकई पाकिस्तान से आए थे? क्या इस बात के सबूत हैं? उन्होंने यह भी कहा कि हमले में घरेलू आतंकी भी हो सकते हैं।
इसके अलावा, उन्होंने जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर भी टिप्पणी की और कहा कि वहां हालात बदलने की जरूरत है।
उन्होंने विपक्ष से रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की और कहा कि संसद में सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। आतंकवाद जैसे गंभीर विषयों पर बिना भागे ठोस बातचीत जरूरी है ताकि जनता को सच्चाई पता चले। अगर हम चर्चा से बचेंगे, तो कई सवाल अनसुलझे रह जाएंगे।
बता दें कि वर्तमान मानसून सत्र में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले पर महत्वपूर्ण बहस हो रही है। यह चर्चा राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के मुद्दों पर केंद्रित होगी।
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का आगाज किया। उन्होंने उन परिस्थितियों का उल्लेख किया जिनकी वजह से भारत ने अटैक किया। संसद में सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने बताया, “हमने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने आतंकियों से हमारी माताओं-बहनों के सिंदूर का बदला लिया। हमारा मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल किया। हमने पाकिस्तान से सीजफायर दबाव में नहीं किया।”