October 13, 2025
National

छत्तीसगढ़ : धीरेंद्र शास्त्री का राज्य सरकार को सुझाव, तहसील स्तर पर 5,000 गोधाम बनाएं

Chhattisgarh: Dhirendra Shastri suggests the state government to build 5,000 cow shelters at the tehsil level.

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में जारी हनुमान कथा के दौरान गोमाता की सुरक्षा, हिंदू एकता और धार्मिक शिक्षा पर महत्वपूर्ण बयान दिए।

मारुति मंगल भवन में उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सबसे बड़ी कमजोरी अमीर-गरीब और जातिगत भेदभाव है, जिससे हिंदू भाई-भाई की भावना कमजोर हो रही है।

धीरेंद्र शास्त्री ने छत्तीसगढ़ में गो माता की सड़क दुर्घटनाओं में मौत पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को सुझाव दिया कि प्रत्येक तहसील पर 5,000-5,000 गोधाम बनाए जाएं। उन्होंने गायों को कोई तकलीफ नहीं देने की बात करते हुए कहा, “चार तहसीलों से शुरुआत करें तो 20 हजार गोधाम बन जाएंगे, इससे गो माता सुरक्षित रहेंगी। गोठान नहीं, उनकी स्वतंत्रता जरूरी है। वहां रहने, चारे-पानी की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।”

उन्होंने कथा आयोजन के दौरान भारी बारिश के बावजूद हजारों भक्तों की उपस्थिति को भक्ति का प्रतीक बताते हुए कहा, “भक्ति पर कोई वश नहीं कर सकता।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर शुभकामनाएं देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संघ ने विचारधाराओं को बचाया और देश में नई क्रांति खड़ी की।

उन्होंने बागेश्वर धाम में बन रहे कैंसर अस्पताल पर कहा कि पूर्ण होने के बाद छत्तीसगढ़ में भी ऐसी योजना पर विचार करेंगे, सभी का सहयोग जरूरी है। धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमान कथा से विनम्रता सीखने की सीख देते हुए कहा, “हनुमान जी सामर्थ्यवान और विनम्र हैं। जिस दिन हम यह सीख लें, वे हृदय में वास करेंगे।”

उन्होंने हिंदू परिवारों में बच्चों को रामचरितमानस और गीता का पाठ न कराने पर अफसोस जताते हुए कहा, “प्रत्येक भारतवासी को रोज तीन घंटे का ट्यूशन लेना चाहिए, इससे संस्कृति और संस्कार सुधरेंगे। राज्य सरकार को इसे प्रोत्साहित करना चाहिए।”

शास्त्री ने भूत-प्रेत पर चर्चा के दौरान 8 देशों की यात्रा में दुष्ट शक्तियों से निपटने के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पैरा नॉर्मल सेंटर का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, “भारत में तो हम पढ़ लेंगे, लेकिन विदेशी भूत कैसे भगाएंगे? पीएचडी करेंगे तो बताएंगे। पढ़ाई के साथ कथा जरूरी है।” उन्होंने कहा, “गुरु की कृपा रही तो रायपुर में दो दिन का दिव्य दरबार लगाएंगे।”

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