प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ में मेडिकल सप्लाई घोटाले के सिलसिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 ठिकानों पर छापेमारी की। ये कार्रवाई मेसर्स मोक्षित कॉर्पोरेशन के शशांक चोपड़ा, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी), और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) के अधिकारियों से जुड़े स्थानों पर की गई है।
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) से जुड़े 500 करोड़ से अधिक के घोटाले के मामले में यह कार्रवाई की है। ईडी की टीम दुर्ग में स्थित मोक्षित कॉर्पोरेशन के कार्यालय और तीन आवासों पर छापेमारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार, शशांक चोपड़ा ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर मेडिकल उपकरण और रिएजेंट्स की आपूर्ति के लिए अवैध रूप से रेट कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने डीएचएस और सीजीएमएससी के अधिकारियों को प्रलोभन देकर लगभग 500 करोड़ रुपए के खरीद आदेश (पर्चेज ऑर्डर) प्राप्त किए।
ईडी की यह कार्रवाई मेडिकल सप्लाई में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के तहत की गई है।
ईडी की यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही है। छापेमारी दुर्ग और आसपास के क्षेत्रों में की गई, जिसमें मेडिकल सप्लायर्स और कुछ मध्यस्थों के परिसर भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि 2023 में हुई खरीद में गड़बड़ियों के कारण राज्य के खजाने को 550 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी इस मामले में शामिल अन्य लोगों और लेनदेन की गहन जांच कर रही है। इस घोटाले से जुड़े और भी खुलासे होने की संभावना है।
इस मामले में पहले ही एंटी-करप्शन ब्यूरो और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (एसीबी/ईओडब्ल्यू) ने शशांक चोपड़ा सहित कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जांच एजेंसियां इस घोटाले के पूरे नेटवर्क को उजागर करने में जुटी हैं।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) के घोटाला मामले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को इसी साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की टीम ने यह कार्रवाई की थी।
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