नक्सली संगठन के केंद्रीय समिति के सदस्य सुधाकर उर्फ नर सिंहाचलम गुरुवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर के घने जंगल में भीषण मुठभेड़ में मारा गया। वह तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में एक वांछित माओवादी था और अधिकारियों ने उस पर एक करोड़ रुपए का इनाम रखा था।
उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर के घने जंगलों में माओवादियों के खिलाफ चल रही भीषण लड़ाई में उनकी मौत हो गई। खुफिया जानकारी में राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में शीर्ष माओवादी नेताओं की उपस्थिति के संकेत मिले थे। इसके बाद सुरक्षा बल के जवान वहां पहुंचे। इलाके में गुरुवार सुबह से ही गोलीबारी जारी है।
शीर्ष माओवादी केंद्रीय समिति का सदस्य सुधाकर बस्तर के इंद्रावती टाइगर रिजर्व, बीजापुर में 30 वर्षों से सक्रिय था। पिछले छह महीने में सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में तीन केंद्रीय समिति सदस्यों, माओवादी प्रमुख बसवराजू और 150 से अधिक हाई-प्रोफाइल माओवादियों को मार गिराया है।
सुधाकर का मारा जाना केंद्र सरकार के उस मिशन के लिए एक बड़ी सफलता है, जिसके तहत वह 2026 की शुरुआत तक भारत को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त बनाना चाहती है। बस्तर के आईजी (महानिरीक्षक) पी. सुंदरराज ने मुठभेड़ जारी होने की जानकारी दी है। ऑपरेशन का नेतृत्व डीआरजी, एसटीएफ और कोबरा इकाइयों के संयुक्त बल द्वारा किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि जब सुरक्षाकर्मी इलाके में जांच के लिए गए तो उन पर घात लगाकर हमला किया गया। घात लगाए बैठे माओवादियों ने आगे बढ़ रही टीम पर गोलियों की बौछार कर दी। सुरक्षा बलों ने भी जवाब दिया और दोनों ओर से भीषण गोलीबारी शुरू हो गई। तलाशी अभियान अब भी जारी है। रिपोर्टों से पता चला है कि माओवादी समूह के उच्च पदस्थ सदस्य आस-पास के क्षेत्र में हो सकते हैं। इस अभियान की निगरानी करने वाले प्रमुख अधिकारियों में बीजापुर के एसपी जितेन्द्र कुमार यादव और अन्य शामिल हैं।
इसके अलावा, एडीजी (नक्सल ऑप्स) विवेकानंद सिन्हा, बस्तर आईजी पी. सुंदरराज और सीआरपीएफ आईजी राकेश अग्रवाल जैसे वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। कुछ सप्ताह पहले 21 मई को एक बड़े अभियान में 27 माओवादियों को मार गिराया गया था, जिनमें बसवराजू भी शामिल था, जिस पर 1.5 करोड़ रुपए का इनाम था।
सात दिन पहले सुरक्षा बलों ने करेंगुट्टा ऑपरेशन का विवरण जारी किया था, जो छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर 24 दिनों तक चला एक लंबा अभियान था, जिसमें 31 उग्रवादी मारे गए थे। माओवादी तत्वों के खिलाफ अभियान लगातार जारी है तथा बार-बार खुफिया जानकारी मिल रही है कि इंद्रावती टाइगर रिजर्व जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति है।
ऐसी सूचना पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षाकर्मियों को बीजापुर भेजा गया, जहां एक और भीषण लड़ाई चल रही है। जंगलों में गोलीबारी जारी है, जो लंबे समय से चल रहे इस संघर्ष में एक और अध्याय जोड़ रही है।
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