छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया गया है। शुक्रवार को चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने उन्हें अदालत में पेश किया, जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया।
शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में छापेमारी के बाद चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया। ईडी की टीम बघेल के भिलाई निवास पर पहुंची थी। कुछ घंटे की जांच के बाद चैतन्य बघेल को हिरासत में ले लिया गया। कोर्ट में पेश करते हुए ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने ईडी को चैतन्य की सिर्फ 5 दिन की रिमांड दी है।
अहम यह है कि चैतन्य की गिरफ्तारी उनके जन्मदिन पर हुई। उनके पिता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “पिछली बार मेरा जन्मदिन था तो मेरे सलाहकार और ओएसडी को गिरफ्तार किया गया था। 18 जुलाई को मेरे बेटे का जन्मदिन है और इसी दिन उसको गिरफ्तार किया गया है।”
भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत में आगे कहा, “जो पेड़ कटाई चल रही है, उसके विरोध में पूरी कांग्रेस पार्टी लड़ाई लड़ रही है। इसलिए विपक्ष को दबाने के लिए यह रणनीति अपनाई गई है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग डरने वाले नहीं हैं। न डरेंगे, न झुकेंगे और न टूटेंगे।
भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी आवाज को उठाने की कोशिश की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा, “तमनार में पेड़ों की कटाई के खिलाफ कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार्य कर दिया गया। न पैसा (पीईएसए) कानून का पालन हुआ, न एनजीटी के निर्देशों का पालन हुआ और न ही विधानसभा की ओर से सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का मान रखा गया। चर्चा तक नहीं हो सकती।”
उन्होंने कहा, “हसदेव के जंगल को उजाड़ा जा रहा है। प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ का सारा जंगल सौंप देगी, क्योंकि आकाओं का यही आदेश है।”
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