राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) द्वारा विस्फोटकों की खरीद और आपूर्ति के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने जगदलपुर स्थित एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पटनमपारा निवासी मंतोष मंडल और सेला नागार्जुन उर्फ एस नागार्जुन को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत नामजद किया है।
सुकमा पुलिस ने सितंबर में दो आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके पास से विस्फोटकों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जब्त करके माओवादी आपूर्ति नेटवर्क का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। उनके पास से पोटेशियम नाइट्रेट के दो डिब्बे, दो किलोग्राम यूरिया पाउडर, एल्यूमीनियम पाउडर के तीन डिब्बे, एक टिफिन बम, दो डेटोनेटर, माओवादी साहित्य, एक लैपटॉप, एक मोबाइल सिम कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। उनके पास से बरामद की गई खेप नक्सलियों के लिए थी।
दोनों व्यक्तियों की पहचान सीपीआई (माओवादी) के समर्थक/ओवर-ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) के रूप में की गई और पाया गया कि वे प्रतिबंधित संगठन के लिए विस्फोटक और अन्य आवश्यक वस्तुओं की ऑनलाइन खरीद में सक्रिय रूप से शामिल थे। उनके पास ऐसी सामग्री अवैध रूप से पाई गई, जिसका उद्देश्य सुकमा जिले के जगरगुंडा क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) सदस्यों को सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल के लिए आईईडी (उन्नत विस्फोटक उपकरण) तैयार करना था।
राज्य पुलिस ने मूल रूप से 25 सितंबर, 2024 को मंतोष और सेला की गिरफ्तारी के बाद मामला दर्ज किया था। एनआईए ने 23 दिसंबर, 2024 को मामला फिर से दर्ज किया और अपनी आगे की जांच जारी रखी है।
पूछताछ के दौरान दोनों ने पुलिस को बताया कि वे 2020 से पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 को बारूद, विस्फोटक सामग्री, रसायन, डेटोनेटर, वॉकी-टॉकी और राशन सामग्री की आपूर्ति में शामिल थे। पीएलजीए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सशस्त्र शाखा है। उनके पास से बरामद की गई खेप नक्सलियों के लिए थी।
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