ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मकर संक्रांति के अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, “पवित्र मकर संक्रांति के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह पवित्र त्योहार सभी के जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दे।”
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि जगन्नाथ संस्कृति में मकर संक्रांति का महत्वपूर्ण स्थान है। यह न केवल एक धार्मिक त्योहार है बल्कि भाईचारे, सद्भाव और एकता का भी प्रतीक है। मकर संक्रांति आपके और ओडिशा के लिए शुभ हो। प्रभु आपके जीवन को आशीर्वाद दें।
उड़ीसा में मकर संक्रांति धूमधाम से मनाई जाती है। मकर संक्रांति के समय धान, गन्ना आदि नई फसलें काटी जाती हैं। अर चावल के नए अनाज से भोग बनाया जाता है, जिसे मक्के का चावल कहा जाता है। इसमें जायफल, चना, नारियल, इलायची, घी, दूध आदि मिलाया जाता है। इसे गृह देवता को चढ़ाया जाता है और चावल के खेतों में खाने की परंपरा है। यह त्योहार उड़ीसा के ग्रामीण इलाकों में और भी अधिक मनाया जाता है, जहां लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और फसलों की बढ़ोतरी की कामना करते हैं।
मकर संक्रांति, जिसे उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है, सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है। हर साल 14 जनवरी (या लीप वर्ष में 15 जनवरी) को मनाया जाने वाला यह त्योहार सूर्य के उत्तर की ओर बढ़ने को दर्शाता है।
इस त्योहार को रंग-बिरंगी सजावट, पतंगबाजी और सामुदायिक समारोहों के साथ मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में ग्रामीण बच्चे घर-घर जाकर गीत गाते हैं और मिठाइयां इकट्ठा करते हैं। यह त्योहार ऋतुओं में बदलाव का भी प्रतीक है, जो सर्दियों के जाने और वसंत के आगमन का संकेत देता है।
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