July 15, 2025
Uttar Pradesh

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू में एक हजार करोड़ लागत की विभिन्न परियोजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास

Chief Minister Yogi Adityanath inaugurated and laid the foundation stone of various projects worth one thousand crores in KGMU

लखनऊ, 15 जुलाई । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केजीएमयू प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में से एक है। आज केजीएमयू को लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न सुविधाओं की सौगात प्राप्त हुई है। लोकमंगल की कामना के लिए स्थापित केजीएमयू संस्थान समय के अनुरूप अपने कार्यों को सम्पादित कर रहा है।

मुख्यमंत्री सोमवार को किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में लगभग एक हजार करोड़ रुपए लागत की विभिन्न परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले सीएम योगी ने सेंटर फॉर ऑर्थोपैडिक सुपर स्पेशियलिटी, न्यू कॉर्डियोलॉजी विंग तथा न्यू गेस्ट हाउस के ऊपर अतिरिक्त तल के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। उन्होंने जनरल सर्जरी विभाग के नवीन भवन, 500 बेड की क्षमता के ट्रॉमा सेंटर विस्तार एवं पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स, नवीन प्रशासनिक भवन तथा डायग्नोस्टिक सेण्टर एवं पेशेंट रिलेटिव एक्मोडेशन फैसिलिटी ब्लॉक का शिलान्यास किया। उन्होंने लोकार्पित भवनों का निरीक्षण किया और मरीजों की कुशलक्षेम पूछी।

सीएम योगी ने कहा कि केजीएमयू ने अपने 120 वर्ष की शानदार यात्रा में अनेक मील के पत्थर खड़े किए हैं। केजीएमयू में पूरे प्रदेश, अगल-बगल के राज्यों व नेपाल राष्ट्र से भी बहुत सारे मरीज इलाज के लिए आते हैं, क्योंकि मरीजों व उनके परिजन को केजीएमयू के ऊपर विश्वास है कि वह वहां से स्वस्थ होकर वापस जाएंगे। केजीएमयू प्रदेश का एकमात्र चिकित्सा संस्थान है, जिसने पिछली सदी और वर्तमान सदी में दो बड़ी महामारियों का सामना किया है। पिछली सदी में आई महामारी के समय केजीएमयू शैशवावस्था में था। इस सदी की कोरोना महामारी में केजीएमयू पहला संस्थान था, जिसने इस बीमारी से लड़ने के लिए अपने आप को जांच की सुविधा का केंद्र बनाया। कोविड-19 की जांच की सुविधा केजीएमयू से ही प्रारम्भ हुई।

उन्होंने कहा कि जनपद बलरामपुर में केजीएमयू का एक सैटेलाइट सेंटर स्थापित किया गया है। अब समय आ गया है कि केजीएमयू महानगरीय सुविधा से बाहर के क्षेत्रों में अपनी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराए। गत वर्ष केजीएमयू ने अपने यहां फैकल्टी मेम्बर्स की बड़े पैमाने पर नियुक्ति की है। बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज अगले सत्र से प्रारम्भ करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में नए-नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित हो रहे हैं। नर्सिंग मेडिकल हेल्थ की बैकबोन है। इसलिए नर्सिंग सेवा जितनी मजबूत होगी, हम उतने बेहतर परिणाम देने में सफल हो पाएंगे। मैनपावर गैप को समय से पूरा करना चाहिए, क्योंकि रिजल्ट देना है तो हमारे पास टीम होनी चाहिए। लोकमंगल के प्रतिनिधि के रूप में चिकित्सकों व सहयोगी स्टाफ की समाज में अपनी एक विशिष्ट प्रतिष्ठा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आईआईटी0कानपुर के साथ ‘मेड टेक कार्यक्रम’ को आगे बढ़ा रही है। आईआईटी कानपुर मेडिकल टेक्नोलॉजी में अपने एक नए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को लेकर आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रयास है कि इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ केजीएमयू और एसजीपीजीआई भी जुड़ें। आज दुनिया में मेडिकल टेक्नोलॉजी एडवांस स्टेज में आ चुकी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें मेडिकल टेक्नोलॉजी की दिशा में प्रो-एक्टिव होकर बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विगत 11 वर्षों में लोगों ने बदलते भारत को देखा है। नए भारत ने जीवन के हर क्षेत्र में एक नई प्रगति की है। भारत की प्रगति पूरी दुनिया में सराही जा रही है। डबल इंजन सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की उन्नति की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। एम्स जैसे संस्थान देश में स्वास्थ्य के बेहतरीन केंद्र माने जाते हैं। आजादी के बाद से वर्ष 1998-99 तक देश में केवल एक एम्स स्थापित हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी के समय देश में 6 नए एम्स स्थापित हुए, जिनकी संख्या विगत 11 वर्षों में बढ़कर 23 हो गई है। एम्स केवल उच्च चिकित्सा शिक्षा के ही केंद्र नहीं हैं, बल्कि शोध और विकास के भी वाहक हैं। केजीएमयू भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों की संख्या बहुत कम थी। आजादी से लेकर वर्ष 2017 तक प्रदेश में कुल 17 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे, जिनमें 13 राजकीय मेडिकल कॉलेज, 3 पीपीपी मोड पर व 1 निजी मेडिकल कॉलेज शामिल थे। आज राज्य सरकार ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज’ की परिकल्पना को साकार कर रही है। यदि जनपद स्तर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो जाएंगी तो केजीएमयू जैसे संस्थानों के कार्यबोझ में भी कमी आएगी। गत वर्ष उत्तर प्रदेश में 17 मेडिकल कॉलेजों में स्नातक स्तर में नए एडमिशन हुए हैं। विगत साढ़े आठ वर्षों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से विस्तार हुआ है। आज प्रदेश के हर जनपद में डायलिसिस व प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध है। इन्सेफेलाइटिस से लोग अब डरते नहीं हैं। संचारी रोगों से रोकथाम के लिए जन-जागरूकता बढ़ी है।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि केजीएमयू में पढ़ना यहां फैकल्टी मेम्बर बनना, यहां की गतिविधियों में शामिल होना, चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले हर व्यक्ति की प्रगति का सूचक है। अपने 120 वर्षों के सफर में केजीएमयू ने मरीजों की उल्लेखनीय सेवा की है। हम सभी को मरीज को नारायण मानते हुए उसकी सेवा करनी चाहिए। कार्यक्रम को चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, प्रति कुलपति प्रो. अभिजीत कौर, कार्यक्रम संयोजक प्रो. केके सिंह, केजीएमयू के आचार्य, शिक्षकगण व छात्र-छात्राएव छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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