चंडीगढ़ केंद्रीय रामलीला महासभा के मुख्य संरक्षक भगवती प्रसाद गौड़ नहीं रहे। उन्होंने शुक्रवार सुबह आठ बजकर 44 पर मिनट सेक्टर 16 के अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। 68 वर्षीय भगवती प्रसाद गौड़ सेक्टर 22 के गढ़वाल रामलीला एवं सांस्कृतिक मंडल चंडीगढ़ के प्रधान भी थे।
महासभा के कई वर्षों तक महासचिव रहे। उत्तराखण्ड से जुड़ी कई संस्थाओं के पदाधिकारी भी रहे। उनके बड़े बेटे दीपक गौड़ ने बताया कि पिता ने उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल के गांव रोडखाल में पांच वर्ष के उम्र में अंगद का रोल किया था। नौकरी की तलाश में वह 1969 में चंडीगढ़ आए और सेक्टर- 22 की रामलीला से जुड़ गए थे। रामलीला में कई वर्षों तक राम का रोल के अलावा अन्य भूमिकाएं निभाई।
दीपक गौड़ ने बताया की मां का निधन 31 अगस्त को हुआ और अब पिता भी नौ सितंबर को चल बसे। अपने पीछे पुत्र दीपक गौड़, विजय गौड़, अजय और तीन बहू, पोते-पोतियों को छोड़ गए हैं। चंडीगढ़ केंद्रीय रामलीला महासभा के चेयरमैन भूपेंद्र शर्मा और महासचिव लव किशोर अग्रवाल ने भगवती प्रसाद गौड़ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा है कि उनका जाना महासभा और चंडीगढ़ की रामलीला के लिए अपूरणीय क्षति है। भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि भगवान से प्रार्थना करते हैं कि प्रभु श्री राम उनको अपने श्री चरणों में स्थान दे और इस असहनीय दुख को परिवार जनों को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।