संरक्षण-सह-बाल विवाह निषेध अधिकारी (पीसीएमपीओ) रजनी गुप्ता ने एक दूल्हा और दुल्हन के परिवार के सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की है, जो अपनी शादी के समय नाबालिग थे। उनकी शादी अक्टूबर 2022 में पुलिस सुरक्षा में हुई थी और जांच के दौरान दोनों नाबालिग पाए गए थे।
यह मामला तब सामने आया जब एक महिला ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत पानीपत कोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने गुप्ता से रिपोर्ट मांगी। कोर्ट के निर्देश के बाद गुप्ता ने मामले की जांच की। जांच के दौरान पता चला कि शिकायतकर्ता लड़की की शादी पुलिस सुरक्षा में हुई थी। दूल्हे को पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मामले में गिरफ्तार किया था। वह हाईकोर्ट के निर्देश पर जमानत पर था। लड़के के परिवार ने उसकी शादी के लिए हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था और डीएसपी से रिपोर्ट लेने के बाद हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी।
जांच में पता चला कि दुल्हन की उम्र 17 साल थी जबकि दूल्हे की उम्र उस समय 20 साल थी। गुप्ता ने कहा, “मैंने उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा 9,10 और 11 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की है।”
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