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बच्चों को पहले अपनी मातृभाषा सीखने का अधिकार : अरविंद सावंत

Children have the right to learn their mother tongue first: Arvind Sawant

महाराष्ट्र में त्रिभाषा नीति को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है।

अरविंद सावंत ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी हिंदी भाषा का विरोध नहीं कर रही है, बल्कि सरकार द्वारा पहली कक्षा से ही हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के तरीके पर सवाल उठा रही है। बच्चों को पहले अपनी मातृभाषा सीखने का अधिकार है और उसके बाद ही अन्य भाषाओं को पढ़ाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “यह हिंदी भाषा का विरोध नहीं है। हमारा कहना है कि बच्चे पहले अपनी मातृभाषा सीखें। फिर हिंदी की पढ़ाई करें। अन्य राज्यों में हिंदी की पढ़ाई पांचवीं कक्षा से शुरू होती है, तो महाराष्ट्र में यह जल्दबाजी क्यों?”

सावंत ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा नीत सरकार हिंदी भाषा के नाम पर अनावश्यक शक्ति प्रदर्शन कर रही है, जिससे समाज में तनाव और भ्रम पैदा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम मराठी और हिंदी भाषा के बीच दीवारें खड़ी करने की कोशिश है। भाजपा जानबूझकर लोगों के बीच यह भ्रम फैला रही है कि विपक्षी दल हिंदी का विरोध कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि शिवसेना (यूबीटी) केवल बच्चों की शिक्षा के लिए उचित नीति की मांग कर रही है।

सावंत ने महाराष्ट्र की सियासत में हाल के घटनाक्रमों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब से राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे जैसे मराठी नेताओं के बीच एकजुटता की संभावना दिख रही है, तब से भाजपा बेचैन हो गई है। उसे यह एकता अखर रही है, इसलिए वह बेईमानी और चालबाजी पर उतर आई है।

उल्लेखनीय है कि त्रिभाषा विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। जहां एक ओर भाजपा सरकार त्रिभाषा नीति को शिक्षा में सुधार का हिस्सा बता रही है, वहीं विपक्षी दल इसे मराठी भाषा और संस्कृति पर हमले के रूप में देख रहे हैं।

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