नई दिल्ली, 28 सितंबर । अरुणाचल प्रदेश के तवांग में एक पर्वत शिखर का नाम दलाई लामा के नाम पर रखे जाने से चीन नाराज है। भारतीय पर्वतारोही दल ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में एक अनाम चोटी का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखा है। चीन की नाराजगी को लेकर पूर्व भारतीय राजदूत अशोक सज्जनहार ने शुक्रवार को आईएएनएस से बात की।
सज्जनहार ने कहा कि चीन की नाराजगी पूरी तरह से नाजायज है। यह चोटी अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा है। अरुणाचल प्रदेश का पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग है। भारत वहां कहीं भी जाए, चाहे कैसे भी जाए और कोई भी नाम दे, चीन का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उसकी तरफ से जो बयान आया है उसे पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए और इसे खारिज किया जाएगा। इससे पहले भी चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर इस तरह के बयान दे चुका है। पहले भी उसने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है जो पूरी तरह से गलत है। हमें इसे पूरी ताकत से खारिज करना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग कहा कि भारत द्वारा चीनी क्षेत्र में तथाकथित अरुणाचल प्रदेश की स्थापना अवैध और निरर्थक है। इस पर पूर्व राजदूत सज्जनहार ने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पूरी तरह से बेबुनियाद बातें कर रहे हैं। चीन क्या कह रहा है, इस पर किसी को ध्यान नहीं देना चाहिए। हमने देखा है कि पिछले कुछ समय से अरुणाचल प्रदेश में कई इलाके और शहर हैं जिन्हें उन्होंने चीनी नाम दे दिए हैं। लेकिन अलग नाम देने से अधिकार नहीं मिल जाता। भारत को अधिकार है और अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा था और रहेगा। चीन जो भी कहता है, कहता रहे। उसमें न तो कोई तर्क है और न ही कुछ ठोस तथ्य। ये सारी बातें पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके पर्वतारोही को बधाई दी। उन्होंने लिखा, “टीम निमास दिरांग को उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई! निर्देशक रणवीर सिंह जामवाल के नेतृत्व में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के मोन तवांग क्षेत्र के गोरीचेन मासिफ में एक अदम्य चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की, जो 6,383 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है!”