हिमाचल प्रदेश, तिब्बत में बच्चों के चीन की ओर से, DNA सैंपल लेने का हिमाचल प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। इस संबंध में भारत-तिब्बत, कोर्डीनेटिंग यूनियन पत्र लिखकर, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन से शिकायत करेगा।
यूनियन के उत्तर क्षेत्रीय अध्यक्ष और राज्य उपाध्यक्ष ने इसे दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा है कि, इस मसले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा करेंगे, और कार्रवाई की मांग भी की जाएगी। चीन ने तिब्बती नागरिकों के DNA संग्रह के प्रयास तेज कर दिए हैं। इस कार्रवाई में वह पांच साल से कम उम्र के बच्चों के, बल्ड सैंपल ले रहा है। ह्यूमन राइट्स मॉनिटरिंग ग्रुप की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, चीन तिब्बत में गंभीर अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
वर्ष 2020 में ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक इंस्टिट्यूट ने भी ऐसी एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया था कि, चीन 2013 से रक्त के नमूने जुटाने के लिए मुफ्त शारीरिक परीक्षा की पेशकश कर रहा है। मौजूदा मामले में वह इन लोगों का डाटा एकत्र कर, मनमानी कर सकेगा। हालांकि चीन इसे जनसंख्या प्रबंधन नीति का हिस्सा बता रहा है।
चीन इस प्रक्रिया के सबूत भी मिटा रहा है, ताकि दुनिया को इसका पता न चले। उन्होंने कहा कि भारत सरकार मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाकर, तिब्बत को आजाद करवाने, व कैलाश मानसरोवर को चीन के चंगुल से छुड़ाने के लिए, कदम उठाए।