नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) शुक्रवार को कथित चीनी फर्जी वीजा मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की रोकथाम के सिलसिले में तमिलनाडु में छापेमारी की। कथित चीनी फर्जी वीजा मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम और अन्य पर भी आरोप है। ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दायर एक मामले पर आधारित है। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, मानसा (पंजाब) स्थित एक निजी फर्म, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और चीनी नागरिकों को समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने में मदद करने के लिए वीजा जारी करने के लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये का भुगतान किया।
सीबीआई ने प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि, “मानसा (पंजाब) स्थित निजी फर्म 1,980 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और संयंत्र की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी। परियोजना अपने समय से पीछे चल रही थी। दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए, उक्त निजी कंपनी अधिक चीनी व्यक्तियों, पेशेवरों को जिला मानसा (पंजाब) में अपनी साइट के लिए लाने की कोशिश कर रही थी और गृह मंत्रालय द्वारा लगाई गई सीमा से ऊपर परियोजना वीजा की आवश्यकता थी।”
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उक्त निजी कंपनी के प्रतिनिधि ने अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया और उसके बाद उन्होंने उक्त चीनी कंपनी के अधिकारियों को आवंटित 263 प्रोजेक्ट वीजा के पुन: उपयोग की अनुमति देकर सीलिंग के उद्देश्य को विफल करने के लिए एक दूसरा रास्ता तैयार किया।
उसी के अनुसरण में, मानसा स्थित निजी कंपनी के उक्त प्रतिनिधि ने गृह मंत्रालय को एक पत्र प्रस्तुत कर इस कंपनी को आवंटित प्रोजेक्ट वीजा का पुन: उपयोग करने की स्वीकृति मांगी, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी दे दी गई और कंपनी को अनुमति जारी कर दी गई।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि, “चेन्नई स्थित उक्त निजी व्यक्ति द्वारा अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से कथित रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी, जिसका भुगतान उक्त मानसा स्थित निजी कंपनी द्वारा किया गया था।”
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