March 31, 2025
Entertainment

मेगा 157′ के लिए चिरंजीवी ने अनिल रविपुडी संग मिलाया हाथ

Chiranjeevi joins hands with Anil Ravipudi for ‘Mega 157’

मेगास्टार चिरंजीवी जल्द ही नई फिल्म में नजर आएंगे। तेलुगू नववर्ष उगादी के अवसर पर मेगास्टार ने आधिकारिक तौर पर अपने अगले प्रोजेक्ट ‘मेगा 157’ को लॉन्च कर दिया है। इस अनटाइटल्ड फिल्म को एक भव्य पूजा समारोह के साथ लॉन्च किया गया, जिसमें वेंकटेश दग्गुबाती, अल्लू अरविंद और अनुभवी निर्देशक के. राघवेंद्र राव समेत अन्य सितारे शामिल हुए। कार्मक्रम में मुहुर्त शॉट के लिए वेंकटेश दग्गुबाती और अल्लू अरविंद ने कैमरा चालू किया। निर्देशक के. राघवेंद्र राव ने ‘मेगा 157’ के पहले शॉट का निर्देशन किया।

भव्य लॉन्च समारोह की कुछ झलकियों को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए चिरंजीवी ने लिखा, “उगादी के इस खुशी के अवसर पर मैं शानदार निर्देशक अनिल रविपुडी, निर्माता साहू गणपति, सुष्मिता कोनिडेला और ‘मेगा 157’ की पूरी टीम के साथ अपनी यात्रा शुरू करने के लिए उत्साहित और खुश हूं।”इसके साथ ही अभिनेता ने कार्यक्रम में शामिल फिल्म जगत के सितारों का धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा, “इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेरे प्रिय वेंकटेश दग्गुबाती और इंडस्ट्री के मेरे सभी दोस्तों का बहुत-बहुत धन्यवाद!”

अनिल रविपुडी के निर्देशन में बनी इस फिल्म का निर्माण साहू गणपति और सुष्मिता कोनिडेला अपने बैनर शाइन स्क्रीन और गोल्डबॉक्स एंटरटेनमेंट के तहत कर रहे हैं। इस फिल्म के संगीत को संगीतकार भीम्स ने तैयार किया है। हालांकि, फिल्म के कथानक और कलाकारों के बारे में और जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका निभाने के लिए अदिति राव हैदरी या परिणीति चोपड़ा से बातचीत चल रही है। हालांकि, आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। इससे पहले 1 मार्च को चिरंजीवी ने अबू धाबी मंदिर को लेकर अपना अनुभव शेयर किया था। साल 2006 में पद्म भूषण और 2024 में पद्म विभूषण से सम्मानित भारतीय सिनेमा के दिग्गज चिरंजीवी ने बीएपीएस अबू धाबी मंदिर को आध्यात्मिक चमत्कार बताया है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड का क्या अर्थ है। उन्होंने विस्तार से समझाया, “यहां, मैंने ब्रह्मांड को न तो एक धर्म के रूप में देखा, न ही आध्यात्मिकता के रूप में- यह उससे परे है, कुछ ऐसा जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। इस अद्भुत स्थान पर आने के बाद जो दिव्य तरंगे मैंने महसूस कीं, उन्हें शब्दों में व्यक्त करना असंभव है। मेरे शब्द नहीं, बल्कि मेरा हृदय बोलना चाहिए। इस स्थान का हर कोना अपनी विशेषता को दर्शाता है और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महान प्रस्तुति है। हर कोना इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें कोई भेदभाव नहीं है। इसलिए, हमें पूरी दुनिया के सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।”

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