शिमला, 9 जुलाई शिमला जिले में हेरोइन (चिट्टा) एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि इस वर्ष (1 जनवरी से 6 जुलाई तक) 172 व्यक्तियों को प्रतिबंधित पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया है तथा पुलिस द्वारा आरोपियों के कब्जे से 1.57 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई है।
इस संख्या में कई हाई प्रोफाइल व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता और पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह का बेटा भी शामिल है, जिसे इस वर्ष की शुरुआत में कई अन्य लोगों के साथ राज्य की राजधानी में गिरफ्तार किया गया था।
पिछले कुछ महीनों में शिमला पुलिस ने कई बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया है और कई अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है।
अपराधियों को पकड़ने के लिए अच्छा नेटवर्क हमने ड्रग तस्करों की सूची तैयार की है और टैक्सी, बस और होटल संचालकों के साथ एक अच्छा नेटवर्क भी विकसित किया है। हमारे विशेष जांच प्रकोष्ठ तस्करों पर नकेल कसने के लिए काम कर रहे हैं। मादक पदार्थों और साइकोट्रोपिक पदार्थों के दुरुपयोग की चुनौती एक बड़ी समस्या बन गई है। शिमला पुलिस ने खुफिया नेटवर्क को मजबूत करके और लोगों को ड्रग्स के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करके अभियान चलाया है। – संजीव गांधी, शिमला एसपी
इस वर्ष 239 आरोपियों के विरुद्ध 138 मामले दर्ज किये गये, जिनमें 232 पुरुष और सात महिलाएं थीं। अधिकांश आरोपी राज्य से हैं, जबकि 57 को पड़ोसी राज्यों और नेपाल से गिरफ्तार किया गया है। राज्य से 182 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हेरोइन के साथ गिरफ्तार किए गए 172 संदिग्धों के अलावा, 41 लोगों को गांजा, 17 को अफीम, पांच को ‘सिरप की बोतलों’ और एक को ‘स्मैक’ के साथ गिरफ्तार किया गया है। पिछले छह महीनों में शिमला पुलिस द्वारा मादक पदार्थ रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पड़ोसी राज्य पंजाब सबसे ऊपर है, जहां 26 संदिग्ध व्यक्ति पंजाब से हैं।
इसके अलावा 14 आरोपी नेपाल के और पांच उत्तर प्रदेश के हैं। हरियाणा और उत्तराखंड से तीन-तीन, दिल्ली और चंडीगढ़ से दो-दो और राजस्थान और बिहार से एक-एक संदिग्ध शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, इस वर्ष उन्होंने 1.579 किलोग्राम हेरोइन (चिट्टा), 14.42 किलोग्राम अफीम, 12.54 किलोग्राम चरस, 116.72 ग्राम पोस्त की भूसी, 5.48 ग्राम स्मैक, 3,601 अफीम के पौधे, 503 नशीली गोलियां और 38 बोतल नशीले तरल पदार्थ जब्त किए हैं।
शिमला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव गांधी ने कहा कि मादक पदार्थ तस्करों को पकड़ने के लिए जिला पुलिस ने मजबूत खुफिया नेटवर्क विकसित किया है।
एसपी ने कहा, “हमने ड्रग तस्करों की एक सूची तैयार की है और टैक्सी, बस और होटल संचालकों के साथ एक अच्छा नेटवर्क भी विकसित किया है। हमारे विशेष जांच सेल तस्करों पर नकेल कसने के लिए काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “मादक पदार्थों और मन:प्रभावी पदार्थों के दुरुपयोग की चुनौती एक बड़ी समस्या बन गई है। शिमला पुलिस ने खुफिया नेटवर्क को मजबूत करके और लोगों को नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करके अभियान चलाया है।”