शिमला, 1 अगस्त एसजेवीएन के 412 मेगावाट रामपुर हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट के 400 कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन के समर्थन में आज यहां सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीआईटीयू) ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन पिछले 60 दिनों से चल रहा है और सीआईटीयू ने मांग की है कि प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के मुद्दों का तुरंत समाधान किया जाए।
सीटू ने चेतावनी दी है कि यदि शिमला मुख्यालय में तैनात एसजेवीएन के अधिकारियों ने इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया तो वह जल्द ही मुख्य प्रबंध निदेशक कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि 412 मेगावाट की इस बिजली परियोजना में एसजेवीएन श्रम कानूनों का खुला उल्लंघन कर रहा है। उन्होंने कहा कि
परियोजना में काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है। न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अनुसार मजदूरों को कार्य की प्रकृति के अनुसार अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है, ताकि उन्हें उनकी श्रेणी के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दी जाए। इस बिजली परियोजना में एसजेवीएन मजदूरों से कुशल कार्य करवा रहा है, लेकिन उन्हें अर्धकुशल मजदूरों से भी कम मजदूरी दे रहा है। उन्होंने यह
भी आरोप लगाया कि मजदूरों को रोजगार कार्ड और वेतन पर्ची नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को ग्रेच्युटी की सुविधा से वंचित किया जा रहा है।
अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले मजदूरों की पहचान कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। मेहरा ने कहा, प्रबंधन ठेकेदारों पर दबाव बनाकर और श्रमिकों को परेशान करने के लिए अवैध हथकंडे अपनाकर श्रमिकों को डरा रहा है