पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को राज्य के लोगों से अपील की कि वे आगामी पंचायत चुनावों के दौरान धन और बाहुबल का इस्तेमाल करने वालों को पूरी तरह से नकार दें।
अपने गांव के दौरे के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था का आधार हैं। उन्होंने कहा कि इन चुनावों का उद्देश्य लोगों को जमीनी स्तर पर लोकतंत्र का हिस्सा बनाना है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार इन चुनावों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को पंचायतों में चुने जाने वाले उम्मीदवारों के बारे में आम सहमति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को इन चुनावों में धन और बाहुबल के इस्तेमाल को हतोत्साहित करना चाहिए, जिससे यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे राज्य भर के गांवों के समग्र विकास में मदद मिलेगी और उनमें सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की भावना मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पंचायत चुनाव बिना पार्टी चिन्ह के उम्मीदवार लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे गांवों में गुटबाजी खत्म होगी और ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यापक जनहित में उम्मीदवारों को पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ने से रोकने का एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जो भी गांव सर्वसम्मति से पंचायतें चुनेगा, उसे स्टेडियम, स्कूल या अस्पताल जैसी जरूरतें होंगी, उन्हें 5 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे सर्वसम्मति से अपनी पंचायत चुनकर राज्य में मिसाल कायम करें। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पैतृक गांव के विकास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आगे भी गांव में विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी और यह गांव राज्य का आदर्श गांव बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करना चाहती है जिसके लिए बुद्धिमान और ईमानदार लोगों को चुना जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के इन प्रयासों से अपेक्षित परिणाम सामने आएंगे और लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि विकास के लिए अधिक धनराशि देकर राज्य भर के गांवों का कायाकल्प किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी केवल नेताओं के जुमलेबाजी से खत्म नहीं होगी, बल्कि आम आदमी के सशक्तिकरण से खत्म होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह कुंजी है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाकर उन्हें गरीबी से बाहर निकाल सकती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार मुहैया करवाकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 44000 से अधिक युवाओं को नौकरियां दी जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव हैं और इसे हर तरह से मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरपंचों का चुनाव गांवों के लिए होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक पार्टी या समूह के लिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पंचायतें गांवों के विकास और लोगों की खुशहाली के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई गांवों में पहले ही सर्वसम्मति से पंचायतें चुनी जा चुकी हैं और आगे भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायतें स्वस्थ लोकतंत्र की नींव हैं और राज्य सरकार शांतिपूर्ण चुनाव के लिए हर संभव प्रयास करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार गांवों को पूरी तरह से नया स्वरूप देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लोगों को रोजगार से वंचित करने वाला कोई भी केंद्रीय कानून लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार किसी को भी राज्य और उसके लोगों के हितों के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं देगी।