January 21, 2025
National

सीएम आतिशी ने किया छठ घाट का निरीक्षण, भाजपा को बताया पूर्वांचल विरोधी पार्टी

CM Atishi inspected Chhath Ghat, called BJP anti-Purvanchal party

नई दिल्ली, 4 नवंबर। आस्था के महापर्व ‘छठ’ की शुरुआत 5 नवंबर को नहाए-खाए के साथ होगी। चार दिन तक चलने वाले इस महापर्व से पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को छठ पूजा की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने छठ पूजा के लिए आईटीओ पर बनाए गए घाट का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री आतिशी ने महापर्व ‘छठ’ में बाधा डालने के लिए भाजपा की आलोचना भी की। उन्होंने कहा, “छठ पूजा का पर्व हमारे पूर्वांचली भाइयों और बहनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। छठी मैया के साथ पूर्वांचल भाइयों बहनों के अलावा अब दिल्ली के सभी लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। जब से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, उन्होंने जो सम्मान छठ के पर्व को दिया है। शायद इससे पहले कभी नहीं दिया गया।”

मुख्यमंत्री आतिशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “2014 तक पूरी दिल्ली में मात्र 60 जगह पर छठ की पूजा होती थी, जो सरकारी तौर पर आयोजित होते थे, लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि दिल्ली में आज एक हजार से अधिक लोकेशन पर दिल्ली सरकार की ओर से छठ घाट बनाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार का पूरा तंत्र छठ घाट के निर्माण में लगा हुआ है। दिल्ली जल बोर्ड की ओर से पानी का इंतजाम किया जा रहा है। मैंने आज आईटीओ के हाथी घाट पर निरीक्षण भी किया है।”

उन्होंने आगे कहा, “छठ पर्व को लेकर हमारी ओर से सभी जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। हमारे सभी विधायक और मंत्री भी लगातार सभी छठ घाट का निरीक्षण कर रहे हैं। हम बस यही उम्मीद करते हैं कि छठी मैया का आशीर्वाद सभी दिल्ली वालों पर बना रहे।”

मुख्यमंत्री आतिशी ने आगे भाजपा की आलोचना करते हुए कहा, “दुख की बात यह है कि भाजपा पूर्वांचल विरोधी पार्टी है। हम जानते हैं कि उनके एक पूर्व सांसद ने उन्हीं की पार्टी के पूर्वांचल विंग के अध्यक्ष को कुछ साल पहले दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था, लेकिन उस दौरान भाजपा ने कोई कार्रवाई नहीं की। आज भाजपा का पूर्वांचल विरोधी चेहरा फिर से एक बार सबके सामने आ गया है। ग्रेटर कैलाश में पिछले आठ साल से छठ की पूजा होती आ रही है, लेकिन भाजपा के सांसद और नेता उसे रोकने में लगे हुए हैं। मैं तो भाजपा को यही कहूंगी कि छठी मैया ना तो आम आदमी पार्टी की हैं और ना ही पूर्वांचली भाइयों-बहनों की हैं बल्कि वह सबकी हैं।”

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