मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज अधिकारियों को राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) परिसर की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईआईटी छात्रों को विश्वस्तरीय तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, तथा उन्हें इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करेगा।
वे आज यहां उच्चतर शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी उपस्थित थे।
बैठक में राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और रजिस्ट्रारों के अलावा जिला शिक्षा अधिकारी भी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सरकारी शिक्षण संस्थानों में विश्वास बढ़ा है। सैनी ने कुलपतियों से न केवल शिक्षा पर बल्कि अनुसंधान, नवाचार और कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
उन्होंने इस उद्देश्य के लिए एक अलग कोष आवंटित करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने कुलपतियों को छात्रों को अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया, ताकि उनकी रोजगार क्षमता बढ़े। उन्होंने कहा कि सरकार ने उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है, जिससे हरियाणा भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए पसंदीदा स्थान बन गया है।
उन्होंने आगामी राज्य बजट के लिए कुलपतियों से सुझाव भी मांगे और कहा कि सर्वोत्तम सुझावों को शामिल किया जाएगा।
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