मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों को घर-द्वार पर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को यहां 12 ई-स्कूटरों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
ये ई-स्कूटर राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किए गए हैं और इन्हें राज्य के आठ जिलों में तैनात किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य मानव इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी), यौन संचारित संक्रमण (एसआईटी), तपेदिक (टीबी) और हेपेटाइटिस से पीड़ित रोगियों को दवाइयों की डिलीवरी, जांच और परामर्श सेवाओं सहित घर-घर चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।
यह पहली बार है कि राज्य में इस तरह का समर्पित और मानवीय आउटरीच मॉडल लागू किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति आवश्यक उपचार से वंचित न रहे। सुखू ने कहा, “यह पहल दवा की निरंतरता सुनिश्चित करेगी और रोगियों में वायरल लोड दमन को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे वे स्वस्थ और लंबा जीवन जी सकेंगे।”
इस पहल के लिए राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग की सराहना करते हुए सीएम ने कहा, “रेड रिबन क्लब, युवा, शैक्षणिक संस्थान और गैर-सरकारी संगठनों ने एचआईवी के बारे में निरंतर जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हिमाचल को एचआईवी मुक्त बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुझे विश्वास है कि ये ई-स्कूटर हमारे चल रहे प्रयासों को मजबूत करेंगे।”
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 6,000 से अधिक व्यक्ति एचआईवी से पीड़ित हैं और उनमें से अधिकांश में वायरल लोड को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त कर ली गई है, जो राज्य सरकार की नीतियों और निरंतर प्रयासों की सफलता का प्रमाण है।
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