N1Live National निर्वाचन क्षेत्र में नाबालिग से गैंगरेप पर सीएम हेमंत की चुप्पी शर्मनाक: रघुवर दास
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निर्वाचन क्षेत्र में नाबालिग से गैंगरेप पर सीएम हेमंत की चुप्पी शर्मनाक: रघुवर दास

CM Hemant's silence on gangrape of minor in constituency is shameful: Raghuvar Das

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रघुवर दास ने गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी क्षेत्र में नाबालिग आदिवासी बालिका के साथ गैंगरेप की घटना को लेकर पुलिस-प्रशासन और राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि यह भयावह घटना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र बरहेट के सुंदरपहाड़ी इलाके में हुई है, लेकिन इसके बावजूद सरकार की चुप्पी और प्रशासन की निष्क्रियता हैरान करने वाली है।

रघुवर दास ने इस घटना को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ही आदिवासी बेटियां सर्वाधिक असुरक्षित हो गई हैं। पुलिस-प्रशासन ने सुंदरपहाड़ी इलाके में नाबालिग आदिवासी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को दो दिनों तक दबाए रखा।

रघुवर दास ने सवाल किया, “आखिर किन लोगों के इशारे पर इस भयावह घटना को दबाने की कोशिश की गई?” पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर इस मामले में चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा, “जब मुख्यमंत्री के अपने क्षेत्र में ही बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो बाकी राज्य की स्थिति का अनुमान लगाना कठिन नहीं है।”

रघुवर दास ने हाल की कुछ अन्य घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि बोकारो के ललपनिया में एक आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश हुई, जिसे ग्रामीणों ने बचाया। साहिबगंज में रुबिका पहाड़िया की नृशंस हत्या हुई। रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, गोड्डा जैसे जिलों में आए दिन हो रही बलात्कार और हत्या की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि झारखंड में महिलाओं की सुरक्षा का हाल बेहद चिंताजनक है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए। साथ ही पीड़िता को भारतीय दंड संहिता की धारा 357ए और झारखंड पीड़ित सहायता योजना 2012 के अंतर्गत अविलंब 4 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा प्रदान किया जाए। रघुवर दास ने कहा, “नारी शक्ति न केवल समाज की, बल्कि राष्ट्र की भी ताकत है। यदि वही असुरक्षित हैं, तो यह पूरी शासन-व्यवस्था की विफलता है। मुख्यमंत्री अब तो मौन तोड़ें और स्पष्ट करें कि वे किसके दबाव में चुप हैं।”

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