पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईद के अवसर पर अपने संदेश में राज्य में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे को बराबर का दोषी ठहराया। उन्होंने इन दोनों प्रमुख विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये राज्य में सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, ममता बनर्जी के आरोपों पर भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने पटलवार किया है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सत्ता की चाह में अनगिनत लोगों की जान जाने दी है। अपने पापों के प्रायश्चित के लिए अपनी जान देने की उनकी पेशकश अपर्याप्त होगी, क्योंकि उनके शासन में कई हिंदू विरोधी दंगों (सूची अंतहीन है) में कई मौतें हुई हैं, बलात्कार को राजनीतिक दमन के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना (संदेशखाली इसका ज्वलंत उदाहरण है), तथा उनके शासन में जबरन वसूली और भ्रष्टाचार (आरजी कर एमसीएच में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या सहित) के कारण अनगिनत लोगों की जान गई है।”
अमित मालवीय ने एक्स पोस्ट में आगे लिखा, “यह बयानबाजी का समय नहीं है। उन्हें सबसे पहले पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और उनके धार्मिक त्योहारों को निशाना बनाए पर रोक लगानी चाहिए। ममता बनर्जी को बंगाल को बांग्लादेश बनाने का कोई भी भ्रम त्याग देना चाहिए। ऐसा सपना कभी साकार नहीं होगा। 2026 में बंगाल उनके दमनकारी शासन के खिलाफ उठ खड़ा होगा और उनके शासन को खत्म कर देगा। सत्ता से उनके जाने का समय नजदीक आ रहा है।”
ईद उल फितर पर कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “‘आजकल राम-बाम (वाम) यह सवाल उठाता है कि मैं हिंदू हूं या नहीं। मेरा जवाब है कि मैं एक ही समय में हिंदू, मुस्लिम और सिख हूं और आखिरकार मैं एक भारतीय हूं। विपक्षी पार्टियां क्या कर रही हैं? वे सिर्फ लोगों को बांट रही हैं। मेरा जीवन देश के लिए समर्पित है।”
सीएम ममता बनर्जी ने लोगों से आग्रह किया कि वे ऐसे उकसावों में न आएं जो सांप्रदायिक दंगे भड़का सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार लोगों के साथ खड़ी रहेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी राज्य में तनाव पैदा न कर सके।
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