विदिशा, 1 सितंबर । केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल के हालात पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी निर्मम हो गई हैं। उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या मामले पर शिवराज सिंह चौहान ने ममता बनर्जी को घेरा। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि एक महिला होकर भी एक बेटी के प्रति उनकी क्या सोच है ? अनेकों बेटियों के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं, वो कैसे इस तरह की भाषा बोल सकती हैं ?
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या मामला को दबाने की कोशिश की जा रही है। पहले बेटी के मां-बाप को फोन करके झूठ बोला गया कि वो बीमार है फिर उसके आत्महत्या करने की बात कही गई। घंटों तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। फिर सबूत मिटाने को भीड़ घुस गई और पुलिस देखती रही, यह अन्याय की पराकाष्ठा है। यह जुल्म लंबे समय तक नहीं चलेगा, ममता बनर्जी को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
बता दें कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही है। सीएम ने पत्र में बलात्कार की घटनाओं पर सख्त केंद्रीय कानून बनाने की भी मांग की है।
शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि चंपई सोरेन झारखंड को बर्बादी से बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। घुसपैठिए झारखंड की जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर रहे हैं। चंपई सोरेन ने उसके खिलाफ क्रांति की मशाल प्रज्वलित की है। वो एक बड़े लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं, वो अब भाजपा के एक सम्मानित नेता हैं। भाजपा के पास हर वर्ग का प्रभावी नेतृत्व है और हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। निश्चित तौर पर भाजपा को सफलता मिलेगी।
गौरतलब कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ साढ़े चार दशकों की राजनीतिक यात्रा को विराम देने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 30 अगस्त को रांची के धुर्वा स्थित शहीद मैदान में आयोजित एक जनसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, चुनाव सह प्रभारी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने उनका पार्टी में स्वागत किया।
इस मौके पर चंपई सोरेन ने कहा, “हमने झारखंड में लंबी लड़ाई लड़ी और जिस संगठन को खून-पसीने से सींचा, उससे आज निकल आया हूं। मेरा वहां अपमान हुआ। मुझे लगा कि अब संन्यास ले लूं, लेकिन इलाके के लोगों से मिला प्यार और समर्थन देख कर राजनीतिक तौर सक्रिय रहने का फैसला लिया।”
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