पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) के नए कार्यालय को समर्पित किया और एंटी-ड्रग हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैटबॉट (9779100200) की शुरुआत की।
नवनिर्मित कार्यालय का निरीक्षण करने और हेल्पलाइन का शुभारंभ करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने सर्वोच्च राज्य स्तरीय ड्रग कानून प्रवर्तन इकाई का नाम बदलकर विशेष टास्क फोर्स के वर्तमान पदनाम के बजाय एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) रखने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि यह सेल पुलिस स्टेशन सोहाना, सेक्टर-79 एसएएस नगर की दूसरी मंजिल पर एक स्वतंत्र मंजिल पर कार्यशील होगा। उन्होंने बताया कि इमारत का हाल ही में 90 लाख रुपये की लागत से नवीनीकरण किया गया है।भगवंत सिंह मान ने बताया कि नशों के खिलाफ सफल लड़ाई के लिए एंटी ड्रग हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैटबॉट (9779100200) विकल्प शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हेल्पलाइन आम नागरिकों और नशा पीड़ितों को नशा तस्करों के बारे में सूचना देने का अवसर प्रदान करेगी तथा नशा मुक्ति के इच्छुक लोगों के लिए चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करेगी।
उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने और इस जघन्य अपराध में शामिल बड़े लोगों की पहचान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि टास्क फोर्स केवल नई बोतल में पुरानी शराब नहीं है, बल्कि इस नए विशेष बल को नशों की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अतिरिक्त जनशक्ति, संसाधनों और प्रौद्योगिकी से लैस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एएनटीएफ की मौजूदा जनशक्ति को 400 से दोगुना करके 861 किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एएनटीएफ के लिए ये नए पद पुलिस विभाग के लिए आने वाले 10,000 नए पदों के हिस्से के रूप में सृजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 में एएनटीएफ की नव स्थापित खुफिया और तकनीकी इकाई को उच्च तकनीक सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर की खरीद और बुनियादी ढांचे के उन्नयन द्वारा अत्याधुनिक एजेंसी के रूप में विकसित करने के लिए 12 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं और एएनटीएफ की गतिशीलता में सुधार के लिए 14 नए महिंद्रा स्कॉर्पियो वाहन प्रदान किए जाएंगे।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि एएनटीएफ को अपना स्वतंत्र मुख्यालय स्थापित करने के लिए मोहाली में एक एकड़ अलग से जमीन मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ईडीपी (प्रवर्तन-नशा मुक्ति-रोकथाम) रणनीति के कार्यान्वयन के लिए पंजाब राज्य कैंसर और नशा मुक्ति उपचार बुनियादी ढांचा कोष (सीएडीए फंड) से एएनटीएफ को 10 करोड़ रुपए मंजूर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पुलिस कानून व्यवस्था से जुड़े गंभीर मामलों को प्रभावी ढंग से सुलझा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि खन्ना में बेअदबी मामले और अमृतसर में एनआरआई पर हमले में पुलिस की तुरंत कार्रवाई की सभी ने सराहना की है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि पुलिस देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए राज्य के साथ लगती 532 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर प्रभावी ढंग से तैनात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि पुलिस ड्रोन और सीमा पार से तस्करी जैसी नई चुनौतियों का मुकाबला कर रही है, लेकिन पंजाब पुलिस अपनी ड्यूटी कुशलतापूर्वक निभा रही है।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के मामलों में कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पुलिस स्टेशन के साथ विशेष कानून अधिकारी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में नशा तस्करों को कोई राजनीतिक संरक्षण न मिले, ताकि यह बुराई पंजाब से समाप्त हो जाए।भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने नशीले पदार्थों के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की नीति अपनाते हुए नशीले पदार्थों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई शुरू की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करी में शामिल कई बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि 379 नशा तस्करों की 173 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है और अधिक जब्त करने की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी हो रही है कि वांछित परिणाम सामने आ रहे हैं और युवा राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में सक्रिय भागीदार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह रिकार्ड में दर्ज है कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में युवाओं द्वारा प्रवेश में भारी वृद्धि देखी जा रही है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार की जनहितैषी नीतियों के कारण राज्य में युवाओं के विदेश जाने का रुझान उल्टा हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली पहल के रूप में पदानुक्रम के निचले स्तर पर कई पुलिस अधिकारियों को स्थानांतरित किया है, जो लंबे समय से अपने पदों पर जमे हुए थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न संभागों में बड़ी संख्या में स्थानांतरण किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस गठजोड़ को तोड़ने के लिए पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग में रोटेशन किया जा रहा है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राज्य में नशीले पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाना है, क्योंकि उन्हें रिपोर्ट मिली थी कि निचले स्तर के अधिकारी नशा तस्करों के साथ मिले हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब भर के नशा मुक्त गांवों को विशेष अनुदान देगी।
उन्होंने कहा कि इन अनुदानों का उपयोग गांवों में खेलों और खेल संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा, जिससे युवाओं की असीम ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में मोड़ने में मदद मिलेगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहले ही पंजाब के खिलाडिय़ों ने ओलंपिक जैसे मुकाबलों में देश का नाम रोशन किया है और वह दिन दूर नहीं जब पंजाबी युवा और अधिक पदक जीतेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक विभिन्न विभागों में 44,667 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि यह भर्ती पूरी तरह से पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए मेरिट के आधार पर की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे युवाओं में राज्य सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है, जिसके कारण उन्होंने विदेश जाने का विचार त्याग दिया है और यहीं सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और एनएचएआई को पंजाब की उपजाऊ जमीन को दूसरे राज्यों के साथ बांटना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि अधिग्रहण को लेकर कानून-व्यवस्था की कोई समस्या नहीं है, बल्कि मामला सिर्फ रेट तय करने का है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने पहले ही केंद्र सरकार को सारी जमीनी हकीकत से अवगत करा दिया है और राज्य में भूमि अधिग्रहण का काम सुचारू रूप से चल रहा है।
एक अन्य प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने भाजपा से कहा कि वह कंगना रनौत जैसे अपने विवादास्पद सांसदों पर लगाम लगाए, जो अपने जहरीले बयानों से देश का माहौल खराब कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंडी क्षेत्र, जिसने कंगना को चुना है, के लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, वह बार-बार अपने निराधार बयानों के माध्यम से पंजाबियों की भावनाओं को आहत कर रही हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि भाजपा को ऐसे नेताओं पर नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि केवल यह बयान जारी कर देने से कि ये सांसदों के निजी विचार हैं, भगवा पार्टी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो जाती।