March 4, 2025
Punjab

किसानों के साथ सीएम मान की बातचीत विफल, पांच मार्च से अनिश्चितकालीन धरना देंगे किसान

CM Mann’s talks with farmers fail, farmers to stage indefinite dharna from March 5

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बीच सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही। बैठक में किसी भी मांग को लेकर सहमति नहीं बन पाई। किसानों का आरोप है कि मुख्यमंत्री मान बैठक को बीच में ही छोड़कर चले गए, जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ गई है। इसके बाद एसकेएम ने कृषि ऋण माफी योजना समेत विभिन्न मांगों को लेकर चंडीगढ़ में पांच मार्च से अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा की है।

चंडीगढ़ में सीएम और किसानों के बीच हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला, लेकिन दोनों के बीच तनाव बढ़ गया, क्योंकि किसानों ने मुख्यमंत्री मान पर बीच में ही उठकर चले जाने और कथित तौर पर उन्हें डराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। बैठक के बाद जोगिंदर सिंह उग्राहां और बलबीर सिंह राजेवाल समेत एसकेएम नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इतिहास में यह पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सीधे किसानों को धमकाने का प्रयास किया है।

बीकेयू एकता उग्राहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहां ने कहा कि उन्होंने (सीएम मान) हमारी मांगें नहीं सुनी और बैठक से चले गए। एक अन्य किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि जब मुख्यमंत्री दो घंटे से भी कम समय तक चली बैठक से बाहर निकले, तब किसान अपनी 18 में से केवल आठ मांगें ही उनके सामने रख पाए थे। मुख्यमंत्री मान ने राज्य की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव का हवाला देते हुए किसानों से सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की थी।

किसान नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री मान धान की खरीद 1 जून से पहले करने की मांग पर सहमत हुए। हालांकि, अन्य प्रमुख मुद्दों पर उन्होंने (पंजाब के मुख्यमंत्री) कथित तौर पर कोई प्रतिबद्धता जताने की कोशिश की। जब किसान नेताओं ने अपनी मांगों पर जोर दिया, तो मुख्यमंत्री निराश हो गए और उनसे कहा, “5 मार्च को जो करना है करो।”

किसान नेताओं ने सीएम मान पर देरी करने की रणनीति अपनाने और किसानों की चिंताओं को प्रभावी ढंग से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि समाधान पेश करने के बजाय राज्य सरकार उनके आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। एसकेएम के पास 18 सूत्री ज्ञापन है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी, कृषि ऋण माफी योजना शुरू करने के अलावा नई कृषि नीति के तहत उनके हितों की रक्षा करना शामिल है। अब पांच मार्च को पूरे पंजाब के किसान आंदोलन में शामिल होंगे।

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