बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को नालंदा जिले के राजगीर पहुंचे और वहां जू-सफारी में नवनिर्मित ‘बर्ड एवियरी’ का लोकार्पण किया। इस दौरान ‘बर्ड एवियरी’ का जायजा भी लिया।
इस यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने जयप्रकाश उद्यान में सम्राट जरासंध स्मारक का भी फीता काटकर अनावरण किया। जू-सफारी के ‘बर्ड एवियरी’ में पक्षियों के रहने, खाने-पीने और उनके पर्यावरणीय वातावरण का ध्यान रखा गया है। यहां देशी-विदेशी प्रजाति के कई पक्षी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर जू-सफारी के अंतर्गत पक्षियों का आश्रय स्थल अनुकूल वातावरण के अनुसार है, जिसे बर्ड एवियरी (चिड़ियों का आवास) कहा जाता है। बर्ड एवियरी को लगभग एक एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है, जहां रंग-बिरंगे पक्षियों को रखा जा रहा है। यहां लोगों को खासकर बच्चों को पक्षियों के बारे में जानकारी मिलेगी, साथ ही इससे पक्षियों के संरक्षण को बढ़ावा भी मिलेगा। यह बर्ड एवियरी पक्षियों के लिए बेहतर आश्रय स्थल बना है।
राजगीर के जू-सफारी में पांच तरह के जानवर बाघ, शेर, तेंदुआ, भालू तथा हिरण को रखा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2021 में राजगीर जू-सफारी का उद्घाटन किया था।
मुख्यमंत्री ने जू सफारी स्थित वन्य जीव अस्पताल का जायजा लिया और वन्य जीवों की चिकित्सा संबंधी विस्तृत जानकारी ली।
उन्होंने राजगीर के जयप्रकाश उद्यान में सम्राट जरासंध स्मारक का फीता काटकर अनावरण किया। यहां महान सम्राट जरासंध की 21 फीट ऊंची प्रतीकात्मक प्रतिमा है। उन्होंने सम्राट जरासंध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। मुख्यमंत्री ने सम्राट जरासंध की जीवनी पर भित्तिचित्र, जरासंध जानकारी केंद्र एवं परिसर के जल संरक्षण संरचना का अवलोकन किया। उन्होंने जयप्रकाश उद्यान परिसर का जायजा भी लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर से हमारा पुराना रिश्ता है। राजगीर के सभी ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थलों का विकास कराया गया। लेकिन, जरासंध के अखाड़े की स्थिति ठीक नहीं कर सके क्योंकि यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन प्रतिबंधित है। हम सम्राट जरासंध के अखाड़ा को विकसित करना चाहते थे। लेकिन, प्रतिबंधित क्षेत्र होने के कारण संभव नहीं हो सका है।
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