हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अपनी निर्भरता कम करने का आग्रह किया। कुरुक्षेत्र के बिहोली गांव में सरकारी पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए, सीएम ने टिकाऊ कृषि के पर्यावरणीय और स्वास्थ्य लाभों पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “किसानों को अपनी फसलों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। हमारी भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा।” उन्होंने कहा, “प्राकृतिक खेती को अपनाकर किसान न केवल मिट्टी की उर्वरता बनाए रखेंगे, बल्कि इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
सैनी ने बिहोली में विकास कार्यों के लिए 21 लाख रुपए देने की घोषणा की। 4.67 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित नया पॉलीक्लिनिक आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित है तथा इसमें पर्याप्त पशु चिकित्सा अधिकारी, तकनीशियन और सहायक कर्मचारी होंगे।
पशुपालन में चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए सीएम ने कहा, “दुधारू पशुओं की कीमत लाखों में है, जिससे भूमिहीन और छोटे किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इलाज से उन पर बोझ बढ़ जाता है। इसलिए पशु चिकित्सा संस्थान अब पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गए हैं।”
इसके बाद मथाना गांव में सैनी ने आधुनिक गौ-चिकित्सालय की आधारशिला रखी और इसके निर्माण के लिए 21 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “सरकार ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौ संवर्धन योजना लागू की है। इस योजना के तहत यमुनानगर में 90 करोड़ रुपये की लागत से राज्य का पहला बायोगैस प्लांट लगाया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि इस सुविधा से आवारा पशुओं की संख्या में कमी आएगी और बीमार पशुओं का उचित उपचार सुनिश्चित होगा। मौजूदा बजट में गौशालाओं के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निर्धारित की गई है, जबकि 2014 से पहले यह राशि केवल 2 करोड़ रुपये थी।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने मुख्यमंत्री के संदेश को दोहराते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने और सरकारी अनुदान का लाभ उठाने का आग्रह किया।